Snowfall In Uttarakhand: बर्फ से लदी हिमालय की वादियां, चीन सीमा का संपर्क टूटा; उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड
Snowfall In Uttarakhand कालामुनि बिटलीधार खलिया से लेकर मिलम और चौदास से लेकर चीन सीमा लिपुलेख लिंपियाधुरा तक का पूरा क्षेत्र मोटी बर्फ की चादर से ढक चुका है। चीन सीमा को जोड़ने वाले सभी मार्ग बंद हो चुके हैं। नपलच्यू के स्रोत से पानी लाकर प्यास बुझ रही है। रातापानी से पातलथौड़ तक भारी हिमपात के चलते थल-मुनस्यारी मार्ग दूसरे दिन भी यातायात के लिए बंद रहा।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़। कालामुनि, बिटलीधार, खलिया से लेकर मिलम और चौदास से लेकर चीन सीमा लिपुलेख, लिंपियाधुरा तक का पूरा क्षेत्र मोटी बर्फ की चादर से ढक चुका है। चीन सीमा को जोड़ने वाले सभी मार्ग बंद हो चुके हैं। गुंजी गांव में पेयजल संकट बन चुका है। नपलच्यू के स्रोत से पानी लाकर प्यास बुझ रही है।
रातापानी से पातलथौड़ तक भारी हिमपात के चलते थल-मुनस्यारी मार्ग दूसरे दिन भी यातायात के लिए बंद रहा। पूरे जिलेभर में दूसरे दिन भी वर्षा हुई। जिसके चलते तापमान में गिरावट आने से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सोमवार दोपहर बाद धूप-छांव को खेल चलने से राहत मिली है। वहीं वर्षा होने से काश्तकारों के चेहरे खिले हैं।
लगातार तीसरे दिन भी हुआ हिमपात
उच्च हिमालय में लगातार तीसरे दिन भी हिमपात हुआ। मुनस्यारी के उच्च हिमालयी जोहार घाटी के 13 गांवों सहित रालम व अन्य उच्च मध्य हिमालयी गांवों तक हिमपात हो चुका है। थल-मुनस्यारी मार्ग पर रातापानी से लेकर मुनस्यारी के बीच सोमवार सुबह तक हिमपात हुआ।रातापानी, कालामुनि, बिटलीधार, पातलथौड़, बलाती में भारी हिमपात के चलते थल-मुनस्यारी मार्ग पर दूसरे दिन भी वाहनों का संचालन बंद रहा। बिटलीधार, कालामुनि आदि स्थानों पर सड़क पर डेढ़ फीट के आसपास बर्फ है। खलिया में दो फीट से अधिक बर्फ गिरी है। हिमनगरी मुनस्यारी में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
व्यास और दारमा मार्ग हुए बंद
सोमवार सुबह भी पूरे जिले में रिमझिम वर्षा जारी रही। उधर धारचूला की दोनों उच्च हिमालयी घाटियों दारमा और व्यास के सभी गांव हिमाच्छादित हो चुके हैं। सोमवार को दोपहर से पूर्व तक हिमपात जारी रहा। लिपुलेख, नाबीढांग आदि स्थानों पर भारी हिमपात हो चुका है। व्यास और दारमा मार्ग बंद हो चुके हैं।मुनस्यारी की उच्च हिमालयी बोगडियार में भारी हिमपात हुआ है। जिसके चलते चीन सीमा तक का संपर्क कटा है। वर्षा और हिमपात से आने वाले दिनों में स्रोतों के रिचार्ज होने के आसार बन रहे हैं। वहीं नमी बनने से निकट भविष्य में भी वर्षा और हिमपात की संभावना प्रबल है।
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