Pithoragarh News उत्तराखंड में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। बुधवार रात्रि से शुरू हुई वर्षा गुरुवार सुबह तक जारी रही। पिथौरागढ़-तवाघाट हाईवे पर तीन जगह भारी मलबा आने से आठ घंटे तक मार्ग बंद रहा। इससे आदि कैलास दर्शन को जा रहे तीर्थयात्री धारचूला में फंस गए। थल-मुनस्यारी मार्ग भी बंद हो गया है। रामगंगा सहित अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है।
जाटी, पिथौरागढ़/ थल /धारचूला / नाचनी। Pithoragarh News: बुधवार की रात्रि और गुरुवार सुबह को हुई मूसलधार वर्षा से थल-मुनस्यारी मार्ग बड़े वाहनों के लिए बंद हो चुका है। उधर पिथौरागढ़-तवाघाट हाईवे पर तीन स्थानों पर भारी मलबा आने से यह मार्ग आठ घंटे तक बंद रहा। इससे आदि कैलास दर्शन को जा रहे तीर्थयात्री धारचूला में फंसे रहे।
वर्षा से रामगंगा सहित अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। यहां बुधवार रात्रि से शुरू हुई वर्षा गुरुवार सुबह तक जारी रही।
वर्षा से पिथौरागढ़-तवाघाट हाईवे पर धारचूला के निकट घटघट पुल, ऐलागाड़ और तवाघाट में भारी मलबा आने से मार्ग बंद हो गया।
रातीगाड़ में सड़क पर मलबा गिरने से मार्ग बंद
मार्ग बंद होने से आदि कैलास दर्शन को जा रहे 28 तीर्थयात्री धारचूला में ही फंस गए। मार्ग से मलबा हटाने के बाद गुरुवार दोपहर 12 बजे से यातायात आरंभ हुआ और यहां फंसे वाहन निकल सके। उधर तेजम तहसील क्षेत्र में भारी वर्षा से हरड़िया के निकट नया बस्ती और रातीगाड़ में सड़क पर मलबा गिरने से मार्ग बंद हो गया। यहां सुबह से ही लोनिवि की लोडर मशीन मलबा हटाने में जुटी रही। प्रात: करीब साढ़े नौ बजे के आसपास छोटे वाहनों के लिए यह मार्ग खुल सका।
रातीगाड़ के ऊफान पर आने और सड़क के दलदल बनने से यहां एक बाइक फंस गई। बड़ी मुश्किल से बाइक निकाली गई। यह मार्ग गुरुवार सायं तक बड़े वाहनों के लिए नहीं खुल सका है। मार्ग खोलने का कार्य जारी है।
इधर जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग भी घिंघरानी के पास मलबा आने से लगभग तीन घंटे तक बंद रहा। थल से प्राप्त सूचना के अनुसार सातशिलिंग-थल मार्ग दूसरे दिन भी बंद रहा।
बुधवार की रात्रि और गुरुवार सुबह की वर्षा से थल के निकट नागीमल पहाड़ी के पास रामगंगा नदी के कटाव से सड़क का बड़ा हिस्सा नदी में समा गया है। पहाड़ी से लगातार गिर रहे मलबे और नीचे नदी से हो रहे कटाव से इस स्थान पर पैदल चलने वालों के लिए खतरा बना है।
मार्ग बंद होने से पांखू, बेरीनाग, तेजम, गिनी बैंड, बांसबगड़, नाचनी व बागेश्वर सहित क्षेत्र की जनता को वाया डीडीहाट होकर पिथौरागढ़ आना जाना पड़ रहा है। मार्ग बंद होने से पैदल चलने वालों को बलतिर की तीन किमी की खड़ी चढ़ाई से तीन किमी का फेरा लगाना पड़ रहा है। थल के निकट स्थित बलतिर, अल्मियां गांव , कुमाल गांव, डुंगरी, भांतड़, मस्मोली व कुकरौली के ग्रामीणों को थल बाजार आने के लिए 15 किमी अतिरिक्त घूम कर आना पड़ रहा है।
नटी के कटाव से लगभग 150 मीटर सड़क ध्वस्त
नगीमल पहाड़ी के दरकने और रामगंगा नटी के कटाव से लगभग 150 मीटर सड़क ध्वस्त हो चुकी है। मार्ग बंद होने से थल बाजार पर निर्भर क्षेत्र के गांवों की जनता सहित स्कूली बच्चों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। मार्ग की स्थिति को देखते इसके शीघ्र खुलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। शवदाह के लिए आने वाले शवयात्रियों के लिए भी परेशानी बनी है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।