Champawat News: हरे-भरे चाय बागान से पर्यटन को मिल रही 'ताजगी', हट और टी कैफे का भी उठा रहे लुत्फ
Champawat Newsमई-जून की तपती गर्मी में भी शीतल रहने वाले चंपावत में पर्यटकों का जमावड़ा लगना लगा है। चाय विकास बोर्ड ने जिला मुख्यालय से चार किमी दूर सिलिंगटाक में 21 हेक्टेयर में फैले चाय बागान के बीच तीन ईको हट व टी कैफे तैयार किया है। हट को किराये पर दिया है। किराया देकर यहां ठहरा जा सकता है।
By vinay sharmaEdited By: Swati SinghUpdated: Tue, 14 Nov 2023 04:37 PM (IST)
गणेश पांडे, चंपावत। मई-जून की तपती गर्मी में भी शीतल रहने वाले चंपावत में देसी-विदेशी पर्यटक हरे-भरे चाय बागान का दर्शन करने के साथ अब उसके बीच रात्रि विश्राम भी कर सकेंगे। यहां आने वाले पर्यटकों को जैविक चाय की चुस्की के बीच चंद शासकों की राजधानी रही चंपावत नगर के शीर्ष से सूर्यास्त व हिमालय की धवल चोटियों से सूर्योदय के मनोहारी दृश्य को निहारने का मौका मिलेगा।
चाय विकास बोर्ड ने जिला मुख्यालय से चार किमी दूर सिलिंगटाक में 21 हेक्टेयर में फैले चाय बागान के बीच तीन ईको हट व टी कैफे तैयार किया है। हट को किराये पर दिया है। किराया देकर यहां ठहरा जा सकता है। चाय विकास बोर्ड की पहल से पर्यटकों को सुविधा के साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। स्थानीय व्यंजन व उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा।
10 टन चाय का उत्पादन चंपावत में
241 हेक्टेयर में 60 हजार किलो चाय की पत्तियों का उत्पादन होता है। जिससे वर्ष में करीब 10 टन चाय तैयार होती है। जिसे बाहरी देशों को निर्यात किया जाता है। सिलिंगटाक में 21 हेक्टेयर में फैले चाय बागान के बीच एक करोड़ की अधिक लागत से चार हेक्टेयर क्षेत्र टी टूरिज्म के रूप में विकसित किया गया है। भ्रमण करने के अलावा खूबसूरत नजारों को देखने के लिए व्यू प्वाइंट बना है। देवदार, बांज, चीड़ के वृक्षों के बीच से चंपावत नगर, आसपास की पहाड़ियों को निहारना आनंदित करता है।रोजाना 100 से अधिक पर्यटक पहुंच रहे
बाहरी पर्यटकों के अलावा आसपास से रोजाना 100 से अधिक लोग चाय बागान पहुंच रहे हैं। वीकेंड में पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है। चाय बागान के बेहतर रखरखाव के लिए 12 वर्ष से अधिक उम्र के पर्यटकों से 20 रुपये शुल्क लिया जाता है। अद्वैत आश्रम मायावती, देवीधुरा, गुरुद्वारा रीठा साहिब घूमने आने वाले पर्यटक चाय बागान जरूर पहुंचते हैं। टनकपुर होते हुए मुनस्यारी, गंगोलीहाट, चौकोड़ी जाने वाले पर्यटक भी अब यहां रुक सकेंगे।पौष्टिकता से भरपूर खानपान
कुमाऊं में गहत, भट, राजमा की दाल बहुत प्रसिद्ध है। पौष्टिकता से भरे डुबके का क्या ही कहने। ककड़ी से तैयार होने वाला रायता भी खूब जायकेदार है। झंगोरे की खीर, लाल चावल का भात (चावल) भी यहां आने वाले पर्यटकों को परोसा जाएगा।
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