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एक सप्ताह से लगातार भूस्खलन से हिला जोशा गांव, चार परिवारों ने टेंटों में ली शरण, 38 मकान खतरे की जद में

पिथौरागढ़ के जोशा गांव में भूस्खलन के कारण कई परिवार बेघर हो गए हैं।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 27 Jul 2020 06:13 AM (IST)
एक सप्ताह से लगातार भूस्खलन से हिला जोशा गांव, चार परिवारों ने टेंटों में ली शरण, 38 मकान खतरे की जद में

मुनस्यारी, जेएनएन : आपदा प्रभावित धापा, गैला व टांगा के साथ ही मुनस्यारी का जोशा गांव पूरी तरह खतरे में आ चुका है। एक सप्ताह से लगातार भूस्खलन के चलते इस गांव के 38 परिवार खतरे में हैं। चार परिवारों ने टेंट लगा कर शरण ली है। कुछ परिवार स्कूल में शरण लिए हैं। जबकि बनिया गांव में भी एक परिवार ने विद्यालय भवन में शरण ली है।

बीते दिनों की आपदा का कहर जोशा गांव में भी टूटा। यहां पर पहाड़ी दरकने से भारी नुकसान हुआ। पहाडृ़ी दरकने से 38 परिवार पूरी तरह खतरे में आ गए जिसमें चार परिवारों पर आसन्न संकट पैदा हो गया। अभी तक यहां पर प्रशासन की तरफ से किसी तरह की मदद नहीं मिली है। खतरे में आए चार परिवारों जोहार सिंह पुत्र अमर सिंह, हर्ष सिंह पुत्र दान सिंह और खगेंद्र सिंह पुत्र हर्ष सिंह सहित एक अन्य परिवार ने प्लास्टिक के टेंट लगाकर शरण ली है। जानवर खुले आसमान के नीचे हैं। गांव में पेयजल लाइन ध्वस्त होने से पीने को पानी तक नहीं मिल रहा है।

टेंट में रह रहे जोहार सिंह, हर्ष सिंह, खगेंद्र सिंह ने बताया कि टेंट अस्थाई हैं सारा बिस्तर पर गिरता है। छोटे बच्चे हैं जो बिस्तर गीला होने पर रात भर सो नहीं पा रहे हैं। मजबूरी ऐसी है कि पालतू जानवरों भी पानी में ही रहना पड़ रहा है।

ग्राम प्रधान राकेश रोशन का कहना है कि गांव में 18 जुलाई से पूर्व की ही बारिश से तबाही मचने लगी थी। जिसकी सूचना आपदा प्रबंधन और प्रशासन को दी थी। किसी ने भी गांव सुध नहीं ली है। गांव को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग बंद हैं। जोशा सड़क दस दिनों से बंद है। जोशा का बाजार मदकोट पड़ता है, मदकोट जाने के लिए रास्ता तक नहीं है। गांव में पीने को पानी तक नहीं है। नालों का पानी पीना पड़ रहा है। ऐसे में बीमार पड़ने की संभावना बनी है।

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