संचार सुविधा से वंचित मुनस्यारी के पांच गांवों के ग्रामीण करेंगे चुनाव का बहिष्कार
विकास खंड मुनस्यारी के सुदूरवर्ती पांच गांव अभी भी संचार सेवा से वंचित हैं।
By JagranEdited By: Updated: Tue, 23 Nov 2021 10:28 PM (IST)
जासं, पिथौरागढ़: विकास खंड मुनस्यारी के सुदूरवर्ती पांच गांव अभी भी संचार सेवा से वंचित हैं। विभाग सहित मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक पत्राचार कर चुके ग्रामीणों अब आचार संहिता से पूर्व गांवों को मोबाइल नेटवर्क से नहीं जोड़े जाने पर विधानसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार का निर्णय लिया है।
विकास खंड मुनस्यारी के पांच गांव होकरा, जरथी, खोयम, गोला और नामिक गांव आज भी एक नहीं अनेक दुश्वारियां झेल रहे हैं। होकरा के लिए बना सड़क मानसून काल में पांच माह तक बंद रहती है। इस बार के मानसून काल में बंद सड़क अब खुल सकी है। एक दशक पूर्व बनी सड़क की दशा आज भी दयनीय है। सड़क, शिक्षा, संचार व अन्य असुविधाओं ने लिए होकरा क्षेत्र के ग्रामीणों ने तीन साल पूर्व अपने गांव में ही लंबा क्रमिक अनशन किया। ग्रामीणों के आंदोलन के बाद पूरा तंत्र यहां पहुंचा। विभागीय अधिकारियों ने गांव पहुंच कर सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। आंदोलन के बाद होकरा क्षेत्र को बागेश्वर जनपद के सामाधुरा मोबाइल टावर से जोड़ कर नेटवर्क देने की बात कही और जोड़ा भी गया, परंतु सिग्नल इतने कमजोर रहे कि जो किसी काम नहीं आ सके। यह व्यवस्था होकरा में मोबाइल टावर नहीं लगने तक की थी तीन साल बीत गए मोबाइल टावर नहीं लग सके। मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से कोरोना काल में पांच गांवों के ग्रामीण आनलाइन पढ़ाई भी नहीं पढ़ सके । आज की संचार के दौर में इन गांवों की स्थिति बेहद दयनीय है। अप्रैल 2020 से तल्ला जोहार कल्याण संस्था इस मामले में सीएम और पीएम को सीमा से लगे इस क्षेत्र की जनता को संचार सुविधा देने की मांग करते आए हें। संस्था के अध्यक्ष केएस मेहता का कहना है कि संचार के अभाव में यहां के लोगों को 20 किमी दूर जाकर गैस बुक करानी पड़ती है। इस समस्या से परेशान होकरा के नवयुवक मंगल दल ने अब 20 दिसंबर तक क्षेत्र को मोबाइल नेटवर्क से नहीं जोड़े जाने पर विधानसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार का निर्णय ले लिया है।
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