पिथौरागढ़ में मार्ग बंद होने से बीमार महिला को कंधे पर लेकर दस किमी पैदल चले ग्रामीण
पिथौरागढ़ जिले में सीमा छोर पर बंद सड़क अभी तक नहीं खुल सकी है। आलम यह है कि दीपावली के दिन साढ़े आठ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एक महिला की तबीयत अचानक खराब होने से ग्रामीणों को उसे दस किमी दूर तक डोली से पहुंचाना पड़ा।
By Jagran NewsEdited By: Skand ShuklaUpdated: Tue, 25 Oct 2022 05:59 PM (IST)
पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : मानसून काल समाप्त हो चुका है। लेकिन पिथौरागढ़ जिले में सीमा छोर पर बंद सड़क अभी तक नहीं खुल सकी है। आलम यह है कि दीपावली के दिन साढ़े आठ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एक महिला की तबीयत अचानक खराब होने से ग्रामीणों को उसे दस किमी दूर तक डोली से पहुंचाना पड़ा। जून माह में मार्ग बंद होने के बाद अक्टूबर तक नहीं खुलने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया।
बौना गांव मुनस्यारी तहसील का अति दुर्गम गांव है। साढ़े आठ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बौना गांव को जोडऩे वाली सड़क बीते जून माह में बंद हो गई थी। 22 किमी मदकोट -बौना मार्ग झापुली से बौना तक अभी भी बंद है। गांव निवासी पूर्णिमा देवी पत्नी नवीन सिंह की तबीयत अचानक खराब हो गई।महिला की हालत गंभीर होते देख कर स्वजन और ग्रामीण उसे डोली से दस किमी दूर झापुली तक लाए। बौना से झापुली तक का पैदल मार्ग की दशा अत्यधिक खराब है। क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग से ग्रामीणों ने महिला को झापुली तक पहुंचाया । जहां से फिर वाहन से महिला को मदकोट स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।
पांच माह बाद भी मार्ग नहीं खुलने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। गांव निवासी राम सिंह महर,प्रदीप सिंह रावत, गजेंद्र , रमेश ,राजू , सोनू का कहना है कि सड़क खोलने के लिए न तो लोनिवि पहल कर रही है और नहीं प्रशासन संज्ञान ले रहा है।सामाजिक कार्यकर्ता एवं एनएसयूआइ के जिला उपाध्यक्ष विक्रम दानू ने बताया कि मार्ग खोलने के लिए दो बार तहसील मुख्यालय जाकर उपजिलाधिकारी से मांग की गई थी और अधिशासी अभियंता लोनिवि डीडीहाट को भी दो बार ज्ञापन दिया गया है, परंतु कोई सुनने वाला नहीं है। एक सप्ताह के बीच मार्ग नहीं खुला तो ग्रामीण डीडीहाट जाकर लोनिवि कार्यालय का घेराव करते हुए धरना, प्रदर्शन करेंगे।
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