Kedarnath में मांस लेकर पहुंचा व्यक्ति, मच गया बवाल... युवक गिरफ्तार, मुकदमा दर्ज
Kedarnath Yatra 2024 केदारनाथ धाम क्षेत्र में एक नेपाल मूल के व्यक्ति के पास एक कट्टे में मांस मिला था। जिस पर आम जनमानस सहित केदारनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं ने आपत्ति दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। धार्मिक स्थल पर मर्यादा बिगाड़ने पर आरोपित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस के स्तर से मामले की जांच शुरू कर दी है।
संवाद सहयोगी जागरण, रुद्रप्रयाग : Kedarnath Yatra 2024: श्री केदारनाथ धाम क्षेत्र में मांस लेकर आए नेपाल मूल के एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। धार्मिक स्थल पर मर्यादा बिगाड़ने पर आरोपित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही व्यापार संघ गेट के नजदीक संचालित आरोपित की दुकान को सील कर दिया है।
इंस्पेक्टर सोनप्रयाग देवेंद्र असवाल ने बताया कि केदारनाथ धाम क्षेत्र में एक नेपाल मूल के व्यक्ति के पास एक कट्टे में मांस मिला था। जिस पर आम जनमानस सहित केदारनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं ने आपत्ति दर्ज कराई थी।प्रकरण में विपुल धर्म्वाण, निवासी मंगोली तहसील ऊखीमठ जिला रुद्रप्रयाग की शिकायत के आधार पर कोतवाली सोनप्रयाग में धार्मिक भावनाएं आहत करने पर आरोपित किरन बहादुर निवासी कोचुभांग, जिला रोलपा, नेपाल (हाल निवासी व्यापार संघ गेट केदारनाथ के नजदीक) के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस के स्तर से मामले की जांच शुरू कर दी है। उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला ने बताया कि नेपाल मूल के व्यक्ति के पास मांस मिलने की शिकायत पर सेक्टर मजिस्ट्रेट राजपाल सिंह रावत एवं सहायक सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रवीन कुमार ने मामले की जांच करने के बाद व्यापार संघ गेट के नजदीक संचालित दुकान को सील कर दिया है।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर फिसल रहे घोड़े-खच्चर
केदारनाथ पैदल मार्ग पर फिसलन से यात्रियों के घायल होने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इस वर्ष अभी तक एक दर्जन से अधिक यात्री घोड़े-खच्चरों के फिसलने से गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए गौरीकुंड से केदारनाथ तक यात्रियों को 16 किमी की खड़ी चढ़ाई तय कर पहुंचना पड़ता है। पैदल मार्ग पर रोजाना चार हजार से अधिक घोड़े-खच्चरों की आवाजाही भी होती है।इतनी बड़ी संख्या में घोड़े खच्चरों की आवाजाही होने से पैदल मार्ग पर लगाए गए पत्थर घिस-घिस कर चिकने हो जाते हैं, जो फिसलन भरे हो जाते हैं। अब तक 12 यात्री घोड़े खच्चरों के फिसलने से गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। गौरीकुंड के पूर्व प्रधान राकेश गोस्वामी का कहना है कि केदारनाथ में संचालित घोड़े खच्चरों के पैरों में लगी नाल लोहे की बनी होती है।
पत्थरीले रास्ते पर लगातार घोड़े खच्चरों की आवाजाही से पत्थर घिसने लगते हैं और चिकने व फिसलन भरे हो हो जाते हैं। यदि वर्षा न हो तो घोड़े खच्चरों के फिसलन की घटनाएं बढ़ती हैं। इन दिनों वर्षा नहीं होने से भी यह समस्या आ रही है। प्रशासन को पूरे केदारनाथ मार्ग पर पानी का छिड़काव करना चाहिए, ताकि घोड़े खच्चरों के फिसलने की घटनाओं में कमी आ सके।
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