Kedarnath Yatra 2020 एक दिन पूर्व केदारनाथ पहुंची बाबा केदार की उत्सव डोली, बुधवार को खुलेंगे धाम के कपाट
बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली तय कार्यक्रम से एक दिन पूर्व ही केदारनाथ पहुंच गई। बुधवार सुबह 610 बजे धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 28 Apr 2020 09:40 PM (IST)
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली तय कार्यक्रम से एक दिन पूर्व ही केदारनाथ पहुंच गई। डोली यात्रा को सोमवार रात अपने दूसरे पड़ाव भीमबली में विश्रम करना था, लेकिन प्रशासन ने भीमबली में रुकने का कार्यक्रम अचानक रद कर डोली को सीधे केदारनाथ पहुंचाने का निर्णय ले लिया। उत्सव डोली यात्रा के इतिहास में यह पहला मौका है, जब कोरोना महामारी के साये में न केवल डोली यात्रा का कार्यक्रम बदला गया, बल्कि डोली भी एक दिन पहले ही सीधे केदारनाथ पहुंचा दी गई। अब मंगलवार को डोली केदारनाथ में ही विश्रम करेगी और बुधवार सुबह 6:10 बजे धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे।
प्रथम पड़ाव गौरीकुंड में रात्रि विश्रम करने के बाद डोली सोमवार को दोपहर बाद केदारनाथ धाम पहुंच गई, जबकि तय कार्यक्रम के अनुसार डोली को भीमबली में रात्रि प्रवास करना था। लेकिन, प्रशासन ने नई रणनीति के तहत भीमबली में रुकने का कार्यक्रम टाल दिया। इससे पूर्व, सुबह धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने बाबा की पूजा-अर्चना की और फिर डोली यात्र केदारनाथ के लिए रवाना हुई।
बर्फबारी के बीच डोली दोपहर बाद लगभग तीन बजे केदारनाथ पहुंची। यहां ठहरने के लिए प्रशासन व देवस्थानम बोर्ड की ओेर से व्यवस्था की गई है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस बार डोली यात्रा के कार्यक्रम में बदलाव करते हुए डोली को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से वाहन के जरिये सीधे गौरीकुंड ले जाया गया। जबकि, पहले डोली प्रथम पड़ाव रामपुर में रात्रि विश्रम कर अगले दिन गौरीकुंड पहुंचती थी। यही नहीं, पहली बार भीमबली को डोली यात्रा का पड़ाव बनाया गया था, लेकिन अंतिम समय में यह निर्णय भी बदल दिया गया। इसके चलते डोली यात्रा एक दिन पहले ही केदारनाथ पहुंच गई। जबकि, परंपरा के अनुसार कपाट खुलने की पूर्व संध्या पर ही डोली केदारनाथ पहुंचाई जाती है।
यह भी पढ़ें: केदारनाथ यात्रा पर भी कोरोना का साया, सितंबर से पटरी में आने की उम्मीदउधर, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि भीमबली में पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हैं, इसलिए डोली को सीधे केदारनाथ ले जाया गया। डोली यात्रा में देवस्थानम बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल व केएस पुष्पवाण के अलावा डोली ले जाने वाले तीर्थ पुरोहित व चिकित्सक समेत 16 लोग शामिल थे।
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