ओंकारेश्वर से रवाना हुई बाबा केदार की डोली, नौ मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट
शीतकालीन पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से बाबा केदारनाथ की उत्सव डोली केदारपुरी के लिए रवाना हुई। 9 मई को भगवान केदारनाथ के कपाट खोले जाएंगे।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 06 May 2019 08:26 PM (IST)
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। सोमवार को शीतकालीन पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से बाबा केदारनाथ की उत्सव डोली केदारपुरी के लिए रवाना हुई। 9 मई को भगवान केदारनाथ के कपाट सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
रविवार को देर शाम को पौराणिक परंपरा के अनुसार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भगवान भैरवनाथ की विशेष पूजा अर्चना पूरी विधि विधान एवं पौराणिक परंपराओं के आधार पर की गई। लगभग ढाई घंटे तक चली पूजा अर्चना में भगवान की भोगमूर्ति को फूलमालाओं से सजाकर श्रृंगार किया गया।मंदिर के पुजारी एवं वेदपाठियों ने रुद्राभिषेक एवं महाभिषेक के बाद महाआरती की। इस दौरान केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग के दिशा निर्देशों में पूजा संपन्न करवाई गई। इससे पूर्व ऊखीमठ में भोले बाबा की नित्य पूजा एवं आरती संपन्न की भी गई। भैरवनाथ को काली दाल के पकोड़े व पूरी का भोग लगाया गया। बाद में इसे प्रसाद के रूप में भक्तों को वितरित किया गया।
सोमवार को पुजारी ने भोले बाबा की सुबह 6 बजे नित्य पूजा अर्चना व आरती की। आज प्रात: भगवान की चलविग्रह मूर्ति को विधिवत स्नान कराया गया। इसके बाद भगवान की पंचमुखी भोगमूर्ति को डोली में सजाया गया। पुजारी केदार लिंग द्वारा पूजा-अर्चना की गई। सुबह 9: 30 बजे भोले बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली भक्तों के सैलाब के साथ ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से अपने पहले पड़ाव फाटा के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे है। सेना के जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंटरी रेजीमेंट के बेंड की धुनों के बीच केदारनाथ भगवान की चलविग्रह यात्रा शुरू हुई।
7 मई को उत्सव डोली फाटा से प्रस्थान कर गौरीकुंड के लिए रवाना होगी। 8 मई को भोले बाबा की उत्सव डोली गौरीकुंड से प्रस्थान कर अपने अंतिम पड़ाव केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 9 मई को सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट पूजा अर्चना के साथ आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि देर शाम साढ़े सात भोले बाबा के रक्षक भैरवनाथ की विशेष पूजा अर्चना कर भोग लगाया गया। भगवान का रुद्राभिषेक व जलाभिषेक आरती की गई।
इस दौरान श्री केदारनाथ धाम के रावल श्री भीमाशंकर लिंग सहित श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष अशोक खत्री, पूर्व सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत, नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, पूर्व कार्याधिकारी अनिल शर्मा, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, बचन सिंह रावत, मंदिर सुपरवाइजर एवं डोली प्रभारी यद्धुवीर पुष्पवाण, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी गुरू लिंग, पुजारी शिवशंकर लिंग,पुजारी बागेश लिंग, केदारनाथ के पुजारी केदार लिंग, दिनेश चंद्र तिवारी, देवानंद गैरोला, डा. हरीश गौड़, प्रेम सिंह रावत, वीरेश्वर भट्ट, मनोज शुक्ला, अनूप पुष्पवाण, पुष्कर रावत, विदेश शैव, माधोसिंह आदि उपस्थित थे।यह भी पढ़ें: Chardham Yatra: रवाना हुआ 124 यात्रियों का पहला दल, मंगलवार को खुलेंगे गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट
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