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द्वितीय केदार भगवान मध्यमेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू

द्वितीय केदार भगवान मध्यमेश्वर की भोग मूर्ति को गर्भगृह से बाहर लाकर सभामंडप में विराजमान करने के साथ ही धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई।

By Edited By: Updated: Fri, 08 May 2020 03:31 PM (IST)
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द्वितीय केदार भगवान मध्यमेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू
ऊखीमठ (रुद्रप्रयाग), जेएनएन। द्वितीय केदार भगवान मध्यमेश्वर की भोग मूर्ति को गर्भगृह से बाहर लाकर सभामंडप में विराजमान करने के साथ ही धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इस अवसर पर पंचगाई समिति से जुड़े पांच गांवों की महिलाओं ने भगवान को छाबड़ी का भोग लगाया। 

शुक्रवार को भी बाबा मध्यमेश्वर सभामंडप में ही भक्तों को दर्शन देंगे और शनिवार को बाबा की उत्सव डोली मध्यमेश्वर के लिए रवाना हो जाएगी। परंपरा के अनुसार गुरुवार को बाबा मध्यमेश्वर की भोग मूर्ति की शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के गर्भगृह में विशेष पूजा-अर्चना की गई। सुबह पांच बजे पुजारी बागेश लिंग ने बाबा को रुद्राभिषेक व महाभिषेक किया। सात बजे आचार्य विश्वमोहन जमलोकी ने सभामंडप में हवन-पूजा की परंपरा का निर्वहन किया। 

इसके बाद विधि-विधान पूर्वक भोग मूर्ति को गर्भगृह से बाहर लाकर सभामंडप में विराजमान किया गया। यहां मध्यमेश्वर के पुजारी गंगाधर लिंग ने बाबा का रुद्राभिषेक, विशेष आरती एवं भोग की परंपराओं का निर्वहन किया। जबकि, हक-हकूकधारियों ने बाबा को नए अनाज का भोग लगाया। पुजारी गंगाधर लिंग ने बताया कि शनिवार को डोली ओंकारेश्वर मंदिर से रांसी स्थित राकेश्वरी मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी।

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रविवार को डोली रांसी से गौंडार और 11 मई को सुबह मध्यमेश्वर धाम पहुंचेगी। इसी दिन ठीक 11 बजे मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार उत्सव डोली रांसी से दो किमी आगे तक वाहन से ले जाई जाएगी। डोली यात्रा में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सीमित संख्या में ही लोग शामिल होंगे।

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