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Chardham Yatra 2024: सोनप्रयाग से 300 तीर्थ यात्रियों का दल केदारनाथ पैदल रवाना, बदरीनाथ हाईवे बंद

Chardham Yatra 2024 चार धाम यात्रा 2024 में केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग से 300 तीर्थयात्रियों का जत्था पैदल रवाना हुआ। यह 31 जुलाई की आपदा के बाद पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पैदल यात्रा पर निकले हैं। हालांकि मंगलवार को बदरीनाथ राजमार्ग 107 घंटे बाद खुला लेकिन दो घंटे बाद ही मलबा आने से दोबारा आवाजाही रोकनी पड़ी।

By Brijesh bhatt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 28 Aug 2024 09:59 AM (IST)
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Chardham Yatra 2024: पिछले 27 दिन में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में यात्री पैदल रवाना किए गए। फाइल फोटो
जागरण टीम, गढ़वाल। Chardham Yatra 2024: केदारघाटी में 31 जुलाई को आई आपदा में क्षतिग्रस्त हुए केदारनाथ पैदल मार्ग और राजमार्ग का पुनर्निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है। पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चर की आवाजाही शुरू होने के अगले दिन सोनप्रयाग से लगभग 300 तीर्थ यात्रियों का दल केदारनाथ के लिए पैदल भेजा गया।

पिछले 27 दिन में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में यात्री पैदल रवाना किए गए हैं। मार्ग पर संभावित खतरों को देखते हुए अब तक इक्का-दुक्का यात्री ही जा रहे थे।

बदरीनाथ हाईवे पर नंदप्रयाग के पास पहाड़ी से भूस्खलन

इस बीच चमोली जिले में नंदप्रयाग के पास पहाड़ी पर भूस्खलन होने से बंद बदरीनाथ राजमार्ग लगभग 107 घंटे बाद खुला, लेकिन दो घंटे बाद ही मलबा आने से यहां आवाजाही रोकनी पड़ी। राजमार्ग को खोलने का कार्य जारी है। केदारघाटी में हालिया आपदा में सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच 150 मीटर राजमार्ग ध्वस्त हो गया था।

इसे दुरुस्त करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम ने किसी तरह पैदल चलने लायक रास्ता बनाया था, ताकि सामान लाने-ले जाने के साथ ही श्रमिक आवाजाही कर सकें।

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इस रास्ते से सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच पैदल यात्रा व घोड़ा-खच्चरों की आवाजाही भी शुरू हो गई थी। इसी बीच 19 अगस्त को भूस्खलन होने से 50 मीटर रास्ता ध्वस्त हो गया और सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम का संपर्क फिर कट गया।

पैदल आवाजाही के लिए रास्ता तैयार

अब यहां एक बार फिर पैदल आवाजाही के लिए रास्ता तैयार कर दिया गया है। सोनप्रयाग थाने में तैनात उप निरीक्षक योगेश कुमार ने बताया कि एसडीएम ऊखीमठ की यात्रियों से वार्ता के बाद उनके मौखिक निर्देश पर तीर्थ यात्रियों के दल को केदारनाथ जाने की अनुमति दी है। हालांकि, अभी पैदल मार्ग पर कुछ दिक्कतें बनी हुई हैं। इसको ध्यान में रखते हुए तीर्थ यात्रियों को आगे भेजा जा रहा है।

इधर, चमोली जिले में 23 अगस्त को तड़के चार बजे नंदप्रयाग के पास पार्थाडीप में पहाड़ी टूटने से बदरीनाथ राजमार्ग अवरुद्ध हो गया था। इसके बाद से यहां लगातार पहाड़ी से भूस्खलन हो रहा है। इससे मलबा हटाने में बाधा उत्पन्न हो रही है।

एनएच की टीम ने पांच दिन मशक्कत करने के बाद मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे राजमार्ग से पूरा मलबा हटा लिया। इसके बाद छोटे वाहनों को निकाला जाने लगा, लेकिन शाम पांच बजे फिर पहाड़ी पर भूस्खलन हुआ और बड़ी मात्रा में पत्थर व मलबा सड़क पर आ गए। इससे यातायात अवरुद्ध हो गया।

फिलहाल, वाहनों की आवाजाही नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण मोटर मार्ग से कराई जा रही है, लेकिन यहां भी यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह सड़क संकरी होने से लगातार जाम लग रहा है। वाहनों को आठ किमी दूरी तय करने में एक से दो घंटा लग रहा है। जिले में 28 संपर्क मार्ग अभी भी बंद हैं। कर्णप्रयाग-पोखरी मोटर मार्ग पनाईधार तोक में एक सप्ताह से बंद है।

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