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Kedarnath: केदारनाथ में सोना प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग, कांग्रेस की सात सदस्यीय टीम ने किया निरीक्षण

सोने की जगह तांबा लगाने के मामले में कांग्रेस की सात सदस्यीय टीम ने केदारनाथ धाम जाकर इस प्रकरण में स्थानीय तीर्थपुरोहितों के साथ ही वरिष्ठ लोगों से बातचीत के साथ ही केदारनाथ मंदिर में लगे सोने का भी निरीक्षण किया। टीम ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर पूर्व विधायक मनोज रावत के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम ने केदारनाथ धाम जाकर इस मामले की तहकीकात की।

By Brijesh bhattEdited By: Shivam YadavUpdated: Tue, 27 Jun 2023 01:14 AM (IST)
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टीम ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है।
रुद्रप्रयाग, जागरण टीम: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों में सोने की जगह तांबा लगाने के मामले में कांग्रेस की सात सदस्यीय टीम ने केदारनाथ धाम जाकर इस प्रकरण में स्थानीय तीर्थपुरोहितों के साथ ही वरिष्ठ लोगों से बातचीत के साथ ही केदारनाथ मंदिर में लगे सोने का भी निरीक्षण किया। टीम ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्देश पर पूर्व विधायक मनोज रावत के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम ने केदारनाथ धाम जाकर इस मामले की तहकीकात की। लौटने के बाद पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा कि केदारनाथ के गर्भगृह में सोने की जगह तांबा लगाने का वीडियो सामने आने के बाद मंदिर के गर्भगृह का एक वीडियो सामने आया, जिसमें कथित रूप से सोने की पॉलिश का डिब्बा स्पष्ट रूप से दिख रहा था।

मंदिर में जाकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली

कांग्रेस की सात सदस्यीय टीम ने केदारनाथ धाम जाकर स्थानीय हक-हकूक धारियों, तीर्थ पुरोहितों व विभिन्न धार्मिक सामाजिक संगठनों व प्रबुद्ध व्यक्तियों से मिलने के साथ ही स्वयं टीम ने केदारनाथ मंदिर में जाकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। 

उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी जांच संदेह से परे होनी चाहिए, इसलिए मंत्री सतपाल महाराज के द्वारा गठित जांच समिति से स्थान पर राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति द्वारा जांच होनी चाहिए, जिसमें उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में बनी उच्च स्तरीय समिति, जिसमें देश धातुओं पर काम कर रहे सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त संस्थान के वैज्ञानिक विशेषज्ञों के साथ देश में सोने का काम कर रहे प्रतिष्ठित व्यावसायिक संस्थानों के सदस्यों, स्थानीय हक-हकूक धारियों की सदस्यता वाली समिति को जांच में शामिल करना चाहिए। इससे इस प्रकरण की सत्यता का पता चल सकेगा।

इस टीम में पूर्व विधायक मनोज रावत के साथ ही जिला पंचायत सदस्य कुलदीप कंडारी, गणेश तिवारी, विनोद राणा, पूर्व प्रमुख कर्णप्रयाग कमल सिंह रावत, तीर्थ पुरोहित पुरुषोत्तम तिवारी व श्री बदरी केदार मंदिर समिति के पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत शामिल थे।

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