Kedarnath Yatra 2020: केदारनाथ रवाना हुई बाबा केदार की उत्सव डोली, 29 अप्रैल को खुलेंगे कपाट
Kedarnath Yatra 2020 पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से बाबा केदार की डोली गौरीकुंड के लिए रवाना हुई। भक्तों की भीड़ ना लगे इसलिए तय समय से पहले डोली रवाना हुई।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 26 Apr 2020 09:31 AM (IST)
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए रविवार सुबह अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से अपने पहले पड़ाव गौरीकुंड के लिए रवाना हुई। लॉकडाउन के चलते इस बार डोली यात्रा के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। इसलिए पहली बार डोली वाहन से गौरीकुंड पहुंची। जबकि, बीते वर्षो में यात्र का पहला पड़ाव रामपुर हुआ करता था और यात्रा वहां पैदल ही पहुंचती थी। धाम के कपाट 29 अप्रैल को सुबह 6.10 बजे खोले जाएंगे।
ओंकारेश्वर मंदिर में सुबह 4.30 बजे विशेष पूजा-अर्चना के साथ बाबा केदार का महाभिषेक एवं श्रृंगार किया गया। परंपरा के अनुसार भगवान को भोग लगाने के बाद ओंकारेश्वर मंदिर के पुजारी बागेश लिंग ने बाबा की पंचमुखी भोग मूर्ति को केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग को सौंपा। इसके बाद डोली को फूल मालाओं से सजाकर मूर्ति को विराजमान किया गया। ठीक सुबह 5.30 बजे डोली ने ओंकारेश्वर मंदिर की एक परिक्रमा की। डोली लगभग सौ मीटर दूर सड़क मार्ग तक कंधे पर लाई गई और यहां से उसे वाहन में रखकर विद्यापीठ व गुप्तकाशी होते हुए गौरीकुंड पहुंचाया गया। सोमवार को डोली भीमबली पहुंचेगी। यात्रा में देवस्थानम बोर्ड के दो सदस्य, मुख्य पुजारी और डोली ले जाने वाले दो सदस्य शामिल हैं।
ऑनलाइन पूजाओं पर कोरोना का पहरापंरपराओं के अनुसार केदारनाथ धाम के कपाट अपने तय समय पर खोले जा रहे हैं। लेकिन, लॉकडाउन के चलते मंदिर में अभी न तो नित्य पूजाएं होंगी और न ऑनलाइन पूजाएं ही। इस अवधि में सिर्फ भोग, दोपहर का श्रृंगार और संध्याकालीन आरती ही होगी। हालांकि, इस वर्ष अभी तक ऑनलाइन पूजाओं के लिए कोई बुकिंग भी नहीं आई है।
भले ही 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे, लेकिन लॉकडाउन के चलते प्रशासन ने अभी तक भक्तों को दर्शनों की अनुमति नहीं दी है। यह स्थिति कब तक रहेगी, इसका फैसला भी लॉकडाउन हटने पर ही होगा। फिलवक्त केदारनाथ में सीमित संख्या में देवस्थानम बोर्ड के कर्मचारी, पुजारी व वेदपाठी ही मौजूद रहेंगे। देवस्थाना बोर्ड के अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने बताया कि बीते वर्ष तक मंदिर समिति भक्तों के नाम व राशि के आधार पर ऑनलाइन पूजा संपन्न कराती थी। इसमें महाभिषेक, रुद्राभिषेक, लघु रुद्राभिषेक व षोडशोपचार पूजाएं शामिल हैं। लेकिन, इस बार अभी तक ऑनलाइन पूजा के लिए कोई बुकिंग भी नहीं मिली है। बताया कि प्रशासन के निर्देश के बाद ही इस पर विचार किया जाएगा।
वयोवृद्ध तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती कहते हैं कि कोरोना महामारी के चलते सरकार ने पूजाओं व भक्तों के दर्शन पर रोक लगाई हुई है। मंदिर से जुड़े लोगों के साथ ही भक्तों को भी सरकार की गाइड लाइन का अक्षरश: पालन करना चाहिए। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के निवर्तमान कार्याधिकारी एनपी जमलोकी कहते हैं कि ऑनलाइन पूजाओं के लिए भक्तों को लॉकडाउन हटने इंतजार करना पड़ेगा। आगे जो भी निर्देश आएंगे, उन्हीं के अनुरूप व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी।
यह भी पढ़ें: Kedarnath Yatra 2020: ऑनलाइन पूजा पर कोरोना वायरस का पहरा, इन पूजाओं के लिए होती है बुकिंगश्रद्धालुओं ने घरों से ही किया डोली का स्वागतबाबा की चल विग्रह उत्सव डोली का गुप्तकाशी, फाटा, रामपुर, नारायण कोटी समेत विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं ने अपने घरों से ही पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। कोरोना संक्रमण के चलते ऐसा पहली हो रहा है, जब डोली यात्रा में कोई भक्त शामिल नहीं हुआ है।
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