केदारनाथ में शीतकाल के लिए बंद हुए भैरवनाथ मंदिर के कपाट
भगवान भैरवनाथ के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 26 Oct 2019 06:09 PM (IST)
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। शीतकाल के लिए केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी के तहत केदारनाथ के रक्षक के रूप में पूजे जाने वाले भैरवनाथ मंदिर के कपाट बंद किए गए। मंगलवार को भैया दूज के दिन विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
शनिवार को केदारनाथ के मुख्य पुजारी केदार ङ्क्षलग ने दोपहर 12 बजे केदारनाथ मंदिर में भोले बाबा की पूजा अर्चना कर भोग लगाया। इसके उपरान्त वह केदारनाथ के पास एक पहाड़ी पर स्थित भैरवनाथ मंदिर पहुंचे और कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान भगवान भैरवनाथ का दूध व घी से अभिषेक किया। वेदपाठियों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन किया। यह भी पढ़ें: Chardham Yatra: पहली बार केदारनाथ दर्शनों को पहुंच चुके नौ लाख श्रद्धालु
इसी के साथ दोपहर बाद तीन बजे शीतकाल के लिए भैरवनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि परंपरा के अनुसार केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने और बंद होने से पहले भैरवनाथ मंदिर के कपाट खोले और बंद किए जाते हैं। बीडी सिंह के मुताबिक केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। उन्होंने बताया कि धाम के कपाट 29 अक्टूबर को प्रात: साढ़े आठ बजे बंद किए जाएंगे।
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