नौ मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट, व्यवस्थाएं बनाना चुनौती
बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट नौ मई को खोले जाएंगे। बाबा केदार की उत्सव डोली छह मई को ऊखीमठ स्थित पंचगद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ के लिए रवाना होगी।
By Edited By: Updated: Tue, 05 Mar 2019 09:00 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट नौ मई को खोले जाएंगे। बाबा केदार की उत्सव डोली छह मई को ऊखीमठ स्थित पंचगद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ के लिए रवाना होगी। इसी के साथ चारों धाम के कपाट खुलने की तिथियां घोषित हो गई हैं। इसके साथ ही सिक्खों के प्रसिद्ध धाम हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मर्इ को खोले जाएंगे।
ओंकारेश्वर मंदिर में वेदपाठियों, हकहकूकधारियों, बदरी-केदार मंदिर समिति के पदाधिकारियों और जिला प्रशासन की मौजूदगी में सोमवार को ज्योतिष गणाना के बाद शुभ मुहूर्त निकाला गया। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग ने औपचारिक घोषणा करते हुए बताया कि कपाट नौ मई को सुबह 5.35 पर खोले जाएंगे।रावल भीमाशंकर लिंग ने बताया कि छह मई को परंपरानुसार ओंकारेश्वर मंदिर में भैरवनाथ की पूजा की जाएगी और इसके बाद उत्सव डोली केदारनाथ रवाना होगी। फाटा में रात को विश्राम के बाद डोली सात मई को गौरकुंड पहुंचगी और अगले दिन आठ मई केदारनाथ के लिए रवाना होगी। नौ मई को सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।
सात मई को गंगोत्री-यमुनोत्री और 10 मई को खोले जाएंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
भू-वैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 10 मई को सुबह 4.15 बजे ग्रीष्मकाल के लिए खोले जाएंगे। नरेंद्रनगर (टिहरी) स्थित राजमहल में पंचांग व गणेश पूजा के बाद महाराजा की ओर से पंडित कृष्ण प्रसाद उनियाल ने कपाट खुलने की तिथि घोषित की। वहीं, बदरीनाथ धाम में अभिषेक पूजा के लिए तिलों का तेल पिरोने की रस्म 24 अप्रैल को राजमहल में पूरी की जाएगी। वहीं, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन सात मई को खोले जाएंगे।
भू-वैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 10 मई को सुबह 4.15 बजे ग्रीष्मकाल के लिए खोले जाएंगे। नरेंद्रनगर (टिहरी) स्थित राजमहल में पंचांग व गणेश पूजा के बाद महाराजा की ओर से पंडित कृष्ण प्रसाद उनियाल ने कपाट खुलने की तिथि घोषित की। वहीं, बदरीनाथ धाम में अभिषेक पूजा के लिए तिलों का तेल पिरोने की रस्म 24 अप्रैल को राजमहल में पूरी की जाएगी। वहीं, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन सात मई को खोले जाएंगे।
बीते वर्ष सात लाख 32 हजार 241 यात्रियों ने किए बाबा केदार के दर्शन
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि बीते सीजन सात लाख 32 हजार 241 यात्रियों का दर्शनों के लिए पहुंचना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। अब प्रयास रहेगा कि आगामी यात्रा सीजन में इस संख्या को और बढ़ाया जाए। डीएम ने कहा कि पैदल यात्रियों से लेकर हेलीकॉप्टर और डंडी-कंडी से जाने वाले यात्रियों की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया। इस साल बाबा के दर्शनों को घोड़ा-खच्चर से 238612, हेलीकॉप्टर से 122935, डंडी से 9151, कंडी से 14039 और पैदल यात्री 347504 पहुंचे।केदारनाथ में व्यवस्थाएं बनाना चुनौतीपूर्ण
केदारनाथ धाम में सात से आठ फीट बर्फ पड़ी हुई है। केदारनाथ में बिजली आपूर्ति भंग है। गौरीकुंड और केदारनाथ के बीच बिजली लाइन क्षतिग्रस्त है और अभी इसके ठीक होने में समय लगेगा। संचार नेटवर्क भी ध्वस्त है। गौरतलब है कि भारी हिमपात से केदारनाथ में गढ़वाल मंडल विकास निगम के चार हट, तीन विद्युत पोल और दो ट्रांसफार्मर बर्फ में दब गए हैं। ऐसे में यात्रियों के लिए यहां सुविधाओं की व्यवस्था करना चुनौती पूर्ण रहेगा। साथ ही यात्रा मार्गों से बर्फ हटाना भी एक बड़ी चुनौती होगी।
नहीं जाएगी केदरानाथ में बिजली
आने वाले दिनों में प्राकृतिक आपदाओं से केदारनाथ में विद्युत लाइनों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। ऊर्जा निगम ने यात्रा के प्रमुख पड़ाव सोनप्रयाग से केदारनाथ तक भूमिगत विद्युत लाइन बिछ रही है। ऊर्जा निगम के सहायक अभियंता अक्षित भट्ट ने बताया कि 22 करोड़ लागत की इस योजना पर बीते साल जुलाई से काम शुरू कर दिया गया था। भट्ट के अनुसार इस यात्रा सीजन में धाम के पैदल मार्ग पर स्थित सभी पड़ावों पर बिजली की नियमित आपूर्ति होने लगेगी। वहीं, यात्रियों के लिए पानी की व्यवस्था करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि बीते सीजन सात लाख 32 हजार 241 यात्रियों का दर्शनों के लिए पहुंचना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। अब प्रयास रहेगा कि आगामी यात्रा सीजन में इस संख्या को और बढ़ाया जाए। डीएम ने कहा कि पैदल यात्रियों से लेकर हेलीकॉप्टर और डंडी-कंडी से जाने वाले यात्रियों की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया। इस साल बाबा के दर्शनों को घोड़ा-खच्चर से 238612, हेलीकॉप्टर से 122935, डंडी से 9151, कंडी से 14039 और पैदल यात्री 347504 पहुंचे।केदारनाथ में व्यवस्थाएं बनाना चुनौतीपूर्ण
केदारनाथ धाम में सात से आठ फीट बर्फ पड़ी हुई है। केदारनाथ में बिजली आपूर्ति भंग है। गौरीकुंड और केदारनाथ के बीच बिजली लाइन क्षतिग्रस्त है और अभी इसके ठीक होने में समय लगेगा। संचार नेटवर्क भी ध्वस्त है। गौरतलब है कि भारी हिमपात से केदारनाथ में गढ़वाल मंडल विकास निगम के चार हट, तीन विद्युत पोल और दो ट्रांसफार्मर बर्फ में दब गए हैं। ऐसे में यात्रियों के लिए यहां सुविधाओं की व्यवस्था करना चुनौती पूर्ण रहेगा। साथ ही यात्रा मार्गों से बर्फ हटाना भी एक बड़ी चुनौती होगी।
नहीं जाएगी केदरानाथ में बिजली
आने वाले दिनों में प्राकृतिक आपदाओं से केदारनाथ में विद्युत लाइनों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। ऊर्जा निगम ने यात्रा के प्रमुख पड़ाव सोनप्रयाग से केदारनाथ तक भूमिगत विद्युत लाइन बिछ रही है। ऊर्जा निगम के सहायक अभियंता अक्षित भट्ट ने बताया कि 22 करोड़ लागत की इस योजना पर बीते साल जुलाई से काम शुरू कर दिया गया था। भट्ट के अनुसार इस यात्रा सीजन में धाम के पैदल मार्ग पर स्थित सभी पड़ावों पर बिजली की नियमित आपूर्ति होने लगेगी। वहीं, यात्रियों के लिए पानी की व्यवस्था करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा।