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Kedarnath Dham 29 अप्रैल को ही खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट, पढ़ि‍ए पूरी खबर

Kedarnath Dham केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को ही खुलेंगे। हक हकूकधारियों और देवस्‍थानम बोर्ड की बैठक में तय किया गया।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 21 Apr 2020 11:54 AM (IST)
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Kedarnath Dham 29 अप्रैल को ही खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट, पढ़ि‍ए पूरी खबर
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। पंचगद्दी स्थल ओंकोरश्वर मंदिर ऊखीमठ में देवस्थानम बोर्ड के साथ हुई हक-हकूकधारियों की पंचगाई समिति व तीर्थ पुरोहितों की बैठक में निर्णय लिया गया कि पूर्व में तय तिथि 29 अप्रैल को ही केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी इसकी पुष्टि की है। महाराज के अनुसार हक-हकूकधारियों व तीर्थ पुरोहितों ने विश्वास दिलाया है कि इस दौरान लॉकडाउन के नियमों का अक्षरश: पालन किया जाएगा। साथ ही कपाट खुलने के मौके पर रावल की जगह उनके प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।

कोरोना महामारी के चलते सोमवार को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बदले जाने के बाद केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि में भी बदलाव की उम्मीद की जा रही थी। इस सिलसिले में मंगलवार को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में देवस्थानम बोर्ड के पदाधिकारियों के साथ पंचगाई समिति व तीर्थ पुरोहितों की बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। सभी ने एक स्वर में कहा कि पौराणिक परंपरा के अनुसार महाशिवरात्रि पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हो चुकी है। इसे बदला जाना किसी भी स्थिति में संभव नहीं। ऐसा करने पर द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ केदार के कपाट खोलने की तिथियों में भी बदलाव करना पड़ेगा।

पंचगाई समिति के सदस्य लक्ष्मीप्रसाद भट्ट ने कहा कि केदारनाथ के कपाट खुलने की परंपरा और पूजा पद्धति बदरीनाथ से भिन्न है। यहां रावल के प्रतिनिधि के रूप में मुख्य पुजारी पूजा करते हैं। इसके बाद देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी बीडी सिंह ने घोषणा की कपाट खुलने की तिथि में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा रहा है। कपाट पूर्व घोषित तिथि 29 अप्रैल को सुबह 6.10 बजे ही खोले जाएंगे। उधर, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पंचगाई समिति व तीर्थ पुरोहितों से कपाट खुलने की तिथि बदलने का अनुरोध किया गया था। 

लेकिन, उनका कहना था कि इससे पंच केदार श्रृंखला के अन्य मंदिरों के कपाट खुलने की तिथियां भी बदलनी पड़ेंगी। लिहाजा, सरकार ने भी 29 अप्रैल को ही कपाट खोले जाने पर सहमति दे दी है। बता दें कि सोमवार को शासन में हुई बैठक के बाद बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 30 अप्रैल से बढ़ाकर 15 मई किए जाने की घोषणा की गई थी। साथ ही केदारनाथ के कपाट खोलने की संभावित तिथि 14 मई बताई गई थी।

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दक्षिण से इसलिए आते हैं रावल

बदरी-केदार धाम में दक्षिण भारतीय ब्राह्मणों से पूजा कराने की परंपरा आद्य शंकराचार्य ने स्थापित की थी। केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग बताते हैं कि शंकराचार्य ने देश को एक सूत्र में पिरोने के ध्येय से यह परंपरा शुरू की। इसके तहत उन्होंने केरल के नंबूदरी ब्राह्मणों को बदरीनाथ और कर्नाटक के वीर शैव लिंगायत ब्राह्मणों को केदारनाथ का मुख्य पुजारी नियुक्त किया। केरल के नंबूदरी ब्राह्मण भगवान विष्णु व कर्नाटक के लिंगायत ब्राह्मण भगवान शिव के उपासक होते हैं। इसलिए शंकराचार्य ने दक्षिण भारत के अलग-अलग स्थानों से दोनों धाम में पुजारी नियुक्त किए।

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