Kedarnath Yatra: पहली बार केदार बाबा की डोली पैदल तय नहीं करेगी 42 किमी का सफर, जानिए वजह
इस बार बाबा केदार की डोली ऊखीमठ से गौरीकुंड तक 42 किमी का सफर वाहन से करेगी और यात्रा में चुनिंदा लोग ही शामिल होंगे।
By Edited By: Updated: Fri, 24 Apr 2020 09:42 PM (IST)
रुद्रप्रयाग, बृजेश भट्ट। विश्व व्यापी कोरोना महामारी ने इस बार भगवान केदारनाथ की उत्सव डोली यात्रा का स्वरूप भी बदल डाला है। बीते वर्ष तक चल विग्रह उत्सव डोली यात्रा पंचगद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से पैदल ही केदारनाथ पहुंचती थी। लेकिन, इस बार डोली ऊखीमठ से गौरीकुंड तक 42 किमी का सफर वाहन से करेगी और यात्रा में चुनिंदा लोग ही शामिल होंगे।
बाबा के भक्त अपने ईष्ट की विदाई की रस्म का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। पीढ़ियों से धाम के कपाट खुलने से पूर्व चल विग्रह उत्सव डोली यात्रा की पंरपरा चली आ रही है। माना जाता है कि यह परंपरा आद्य शंकराचार्य ने स्थापित की थी। तकरीबन 58 किमी की इस पैदल यात्रा में बाबा के सैकड़ों भक्त हिस्सा लेते हैं। परंपरा के अनुसार हक-हककूधारी पांच गांवों (पंचगाई) ऊखीमठ, चुन्नी-मंगोली, भटवाड़ी, किमाणा और पठाली-डुंगरसुमला समेत पूरी केदारघाटी के लोग बाबा को अपना ईष्ट मानते हैं।
बाबा केदार इन गांवों के संरक्षक हैं और उन्हीं के आदेश पर इन गांवों के समस्त धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होते हैं। इसलिए बाबा के ऊखीमठ से केदारनाथ के लिए विदा होने का दृश्य बेहद मार्मिक होता है और बाबा के भक्तों के नेत्र सजल हो उठते हैं। लेकिन, लॉकडाउन के चलते इस बार पैदल यात्रा स्थगित कर दी गई है। अब बाबा की डोली गौरीकुंड वाहन से पहुंचेगी, जिससे रास्तेभर भक्तों का हुजूम न उमड़ने पाए।
इस बार रामपुर के बजाय भीमबली होगा पड़ाव केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग बताते हैं कि परंपरा के अनुसार उत्सव डोली यात्रा तीन पड़ावों में विश्राम करती है। ऊखीमठ से चलकर डोली पहले दिन रामपुर, दूसरे दिन गौरीकुंड और तीसरे दिन केदारनाथ पहुंचती है। जबकि, इस बार डोली का पहला पड़ाव गौरीकुंड, दूसरा भीमबली और अंतिम पड़ाव पूर्व की भांति केदारनाथ ही होगा। पहले डोली यात्रा 58 किमी होती थी, लेकिन इस बार मात्र 16 किमी होगी।
यह भी पढ़ें: Badrinath Dham: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने कपाट खोलने की तिथि में बदलाव पर जताया ऐतराजतय समय पर ही केदारनाथ पहुंचेगी डोली तमाम कयासों के बीच बाबा केदार की डोली तय समय पर ही केदारनाथ पहुंचेगी। हालांकि, कोराना महामारी के चलते यात्रा में कुछ परिवर्तन किया गया है, जिससे शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया जा सके। पंचगाई समिति के सदस्य लक्ष्मी प्रसाद भट्ट ने बताया कि डोली 26 अप्रैल को वाहन से गौरीकुंड पहुंचेगी। 27 अप्रैल को डोली भीमबली में रात्रि विश्राम करेगी और 28 अप्रैल को केदारनाथ पहुंचेगी। 29 अप्रैल को सुबह 6.10 बजे विधि-विधान पूर्वक मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। बताया कि डोली के साथ सिर्फ वही लोग केदारनाथ जाएंगे, जिन्हें प्रशासन की ओर से अनुमति होगी।
यह भी पढ़ें: Kedarnath Dham 29 अप्रैल को ही खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट, पढ़िए पूरी खबर
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।