Kedarghati में तेज मूसलाधार बारिश, नदी-नाले उफान पर...पंवाली ट्रैक पर फंसे चार ट्रैकरों को निकाला
Heavy Rain in Kedarnath उत्तराखंड में प्री मानसून बारिश का दौर जारी है। अभी मानसून को दस्तक देने में दो से तीन दिन का समय और लग सकता है। बुधवार को यहां तेज बारिश हुई जिससे नदी नाले और गदेरे उफान पर आ गए। ब्यूंगाड नाला तेज बारिश में उफान पर बना हुआ है। सूचना मिली कि निर्माणधीन पुल के पास कुछ मजदूर मलबे की चपेट में आ गए हैं।
जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग। Heavy Rain in Kedarnath: उत्तराखंड में इन दिनों प्री मानसून बारिश का दौर जारी है। जिससे चिलचिलाती गर्मी से कुछ राहत मिली है। मौसम विभाग का कहना है कि अभी उत्तराखंड में मानसून को दस्तक देने में दो से तीन दिन का समय और लग सकता है।
वहीं केदारघाटी में मानसून से पहले ही बारिश कहर बरपाने लगी है। बुधवार को यहां तेज बारिश हुई, जिससे नदी, नाले और गदेरे उफान पर आ गए। फाटा चौकी पुलिस को सूचना मिली की ब्यूंगाड निर्माणधीन पुल के पास कुछ मजदूर मलबे की चपेट में आ गए हैं। सूचना मिलते ही फाटा चौकी पुलिस मौके पर पहुंची।
नाले के समीप पहुंचकर मजदूरों को सकुशल पाया गया। पुलिस द्वारा देखा गया कि ब्यूंगाड नाला तेज बारिश में उफान पर बना हुआ है। वहीं कार्यदाई संस्था को नदी और नाले के समीप मजदूरों के आवास न बनाने हेतु कहा गया।
पंवाली ट्रैक पर फंसे चार ट्रैकरों को निकाला
त्रियुगीनारायण-पवाली ट्रैक पर गत रात्रि तेज बारिश के चलते चार ट्रैकर फंस गए थे। सूचना पर पुलिस ने ट्रैकरों को सकुशल खोज निकाला।पुनाड में जैसे तैसे धान की पौध तो तैयार हुई, अब रोपाई पर संकट
रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से सटे पुनाड़ गांव में किसानों ने रोपाई के लिए धान की पौध तो तैयार की, लेकिन स्त्रोत पर पर्याप्त पानी न होने से रोपाई शुरू नहीं हो पाई है। किसान रोपाई के लिए इन्द्रदेव का आह्वान कर आसमान में टकटकी लगाए बैठे हैं।
पुनाड गांव में धान की पौध की सिंचाई के लिए किसान दूर-दूर से बाल्टियों में पानी लाए, लेकिन अब रोपाई के लिए पर्याप्त पानी की जरूरत चाहिए। बारिश न होने किसानों के सम्मुख रोपाई की समस्या खड़ हो गई है। पुनाड़ गांव में कई जगहों पर इस समय रोपाई शुरू होनी थी, लेकिन बारिश न होने से किसानों की रोपाई लटक गई है।
स्थानीय निवासी रामचन्द्र नौटियाल, महेश डियून्डी, शैलेंद्र गोस्वामी का कहना है कि बारिश न होने से मुश्किलें बढ़ गई है। बीते कई सालों से पुनाड़ की खेती के लिए सिंचाई नहर की दुर्दशा होने के बावजूद भी किसान बारिश पर ही निर्भर हैं। बारिश भी समय पर न होने से किसानों की चिंताएं बढ़ गई है। यदि बारिश न हुई तो रोपाई के लिए लगाई गई पौध भी खराब हो जाएगी।
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