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हेलीकॉप्टर से केदारनाथ आने का है प्लान, तो 15 जून तक टाल दें; ये है वजह

केदारनाथ के दर्शनों को हेलीकॉप्टर सेे आने की सोच रहे हैं तो 15 जून तक अपना प्लान न बनाइए। भीड़ के चलते फिलहाल यहां संचालित हेली कंपनियों में 15 जून तक सीटें उपलब्ध नहींं हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 01 Jun 2019 04:40 PM (IST)
हेलीकॉप्टर से केदारनाथ आने का है प्लान, तो 15 जून तक टाल दें; ये है वजह
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। आप हेलीकॉप्टर से केदारनाथ के दर्शनों को आने की सोच रहे हैं तो 15 जून तक अपना प्लान न बनाइए। यात्रियों की भीड़ के चलते फिलहाल यहां संचालित सभी हेली कंपनियों में 15 जून तक सीटें उपलब्ध नहीं हैं। हालत यह हैं कि इसके चलते यात्रियों को बिना दर्शन के लिए वापस लौटना पड़ रहा है। 

इस बार कपाट खुलने के बाद से ही केदारनाथ में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में यात्रियों को हवाई टिकट के लिए काफी परेशानी हो रही है। कुछ ऐसी ही मुश्किलों का सामना बैगुलरू (कर्नाटक) से आए सेवानिवृत्त शिक्षक 78 वर्षीय जनार्धन के समक्ष भी पेश आई। वे पैदल चलने में असमर्थ हैं और पांव में चोट होने के कारण घोड़े से भी केदारनाथ नहीं जा सकते। उन्होंने सोचा हेलीकॉप्टर से जाकर भोले बाबा के दर्शन कर लूं। पिछले दो दिन से वह हवाई टिकट के लिए केदारघाटी में विभिन्न कंपनियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन टिकट की कोई संभावन न होने से उन्होंने बिना दर्शन के ही बदरीनाथ दर्शन के लिए रवाना हो गए। यह परेशानी सिर्फ जनार्धन की नही है, बल्कि सैकड़ों यात्रियों को टिकट न मिलने से बाबा के दर्शन किए बगैर ही लौट रहे हैं। 

दरअसल केदारनाथ जाने के लिए हवाई टिकट की मारामारी मची है। जून तक टिकट फुल चल रहे हैं। टिकट न मिलने से यात्री बिना दर्शन के ही लौट रहे हैं। केदारनाथ यात्रा में हवाई सेवाओं का महत्वपूर्ण भूमिका है। 16 किमी की कठिन चढ़ाई तय करने के बाद बाबा के दर्शनों को पहुंचा जाता है। हवाई से मात्र 10 मिनट में बाबा के दर पर यात्री पहुंच जाते हैं। कई बुजर्ग, बच्चे, विकलांग जो पैदल जाने में असमर्थ हैं वह हेलीकॉप्टर से बाबा के दर्शनों को आसानी से पहुंच जाते हैं। हवाई सेवाओं का ग्राफ जिस तेजी से बढ़ा है, उससे टिकटों की मारामारी मची है। केदारनाथ आपदा के बाद से ही यह समस्या आ खड़ी हुई है। मौसम खराब होने पर भी हवाई सेवाएं बाधित हो रही है। इसका खामियाजा भी यात्रियों को ही भुगतना पड़ रहा है। 

नौ हवाई कंपनियां भर रही हैं उड़ान 

केदारनाथ के लिए नौ हवाई कंपनियां उड़ान भर रही हैं। पूरे दिन मे औसतन 300 उडान भर रहे हैं, अब तक 15 दिन में कुल 2764 उड़ान हेलीकॉप्टर से भरी जा चुकी हैं। इनमें कुल 15,417 यात्री भोले बाबा के दर्शन कर चुके हैं। 1200 से 1500 के बीच यात्री रोजाना हेलीकॉप्टर से दर्शन कर रहे हैं। गत 16 मई से केदारनाथ के लिए हवाई सेवा शुरू हुई थी। टिकट बुकिंग की बात करें तो जून 15 तक सभी कंपनियों में टिकट फुल चल रहे हैं। इससे ऑनलाइन टिकट यात्रियों को नहीं मिल पा रहे हैं। दस फीसद बुङ्क्षकग जो मौके पर ही होनी है वहा भी इतनी लंबी लाइन है कि टिकट कई दिन लाइन में खड़े होने के बाद भी नहीं मिल पा रहे हैं। गत वर्ष 14 हवाई कंपनियों को सरकार ने अनुमति दी थी, लेकिन इस बार नौ हवाई कंपनियों को ही अनुमति दी है, जिससे भी परेशानी खड़ी हो रही है। 

यह कंपनियां दे रही केदारनाथ के लिए सेवाएं 

आर्यन, पवन हंस, ऐरो, यूटिएअर, थम्बी, इंडोकॉप्टर, हिमालय हेली, क्रिस्टल, हैरिटेज 

हेली सेवा से दर्शन करने वाले यात्रियों के आंकड़े 

वर्ष         यात्रियों की संख्या 

2014    25519 

2015    71192 

2016    91933 

2017    101935 

2018    122935 

हेलीकॉप्टर सेवा के सहायक सुरेंद्र पंवार का कहना है कि हवाई सेवा से जाने वाले इच्छुक यात्रियों की संख्या काफी अधिक है। ऑनलाइन भी बुकिंग भी फुल चल रही है। इससे टिकट मिलने में परेशानी हो रही है। 

विधायक मनोज रावत हेली कंपनियों के खिलाफ मुखर 

केदारनाथ के विधायक मनोज रावत व केदारघाटी की जनता केदारनाथ के लिए संचालित हो रही हवाई कंपनियों के खिलाफ मुखर हो गए हैं। हेलीकंपनियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन स्थानों पर हेलीपैड हैं उसके नजदीक के गांव में बच्चों के बहरे हो रहे हैं। वहीं फाटा में स्थानीय व्यापारियों व लोगों के साथ विधायक की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में हेली कंपनियों के टिकटों की कालाबाजारी का आरोप लगाया गया। इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री को विधायक व ग्रामीणों ने पत्र भी भेजा है। 

फाटा में संपन्न हुई बैठक में विधायक मनोज रावत ने कहा कि हेली कंपनियों की मनमानी का असर केदारनाथ यात्रा पर पड़ रहा है। टिकटों की कालाबाजारी से उत्तरांखड की छवि धूमिल हो रही है। बैठक में कई प्रस्ताव पास किए गए, जिसमें कहा गया कि शिकायतों के बाद भी टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए कोई ठोस कदम प्रशासन की ओर से नहीं उठाया गया। 

प्रशासन ने हेली कंपनियों पर नोडल अधिकारी तैनात किए हैं, जिससे संबंधित विभागों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वहीं तैनात इन कर्मचारियों के पास हेली कंपनियों ने ऑनलाइन बुकिंग की कोई जानकारी तक नहीं दी जाती है। 

बैठक में कहा गया कि हेलीपैड के पास जो गांव वहां ध्वनि प्रदूषण के कारण बच्चों में बहरेपन की शिकायतें बड़ी संख्या में आ रही हैं। हेलीकॉप्टर गांव के नजदीक से पूरे दिन उड़ान भर रहे हैं। इसमें विधायक मनोज रावत समेत अध्यक्ष प्रधान संगठन ऊखीमठ, समेत फाटा के आस पास के विभिन्न ग्राम प्रधानों के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीणों के हस्ताक्षर हैं। 

केदारनाथ में अब वीआइपी दर्शन को करना होगा इंतजार 

केदारनाथ में भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए वीआइपी दर्शन के चलते कोई दिक्कत न हो इसके लिए डीएम मंगेश घिल्डियाल ने नई व्यवस्था लागू की है। प्रत्येक पांच यात्री के दर्शन के बाद एक वीआइपी दर्शन के लिए भेजा जाएगा। वीआइपी/वीवीआइपी के कारण आम यात्री को केदारनाथ धाम के दर्शन में अत्यधिक समय लगता है। इसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया। वहीं डीएम ने गुरुवार की रात पूरे धाम में घूम-घूम कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा व्यवस्थाएं सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा। डीएम घिल्डियाल ने बताया कि आम आदमी को वीवीआइपी के कारण लाइन में ज्यादा देर न खड़ा होना पड़े इसके लिए व्यवस्था बनाई गई। पांच आम यात्रियों के पश्चात एक वीआइपी दर्शन के लिए जाएगा, इसी क्रम में पूरे दिन दर्शन होंगे। 

गत रात्रि एक बजे जिलाधिकारी ने मंदिर परिसर और अन्य जगहों का निरीक्षण किया गया। जिन यात्रियों को रहने के लिए जगह नहीं मिली उन्हें पुलिस चौकी, टेंट, हेली टेंट और अन्य स्थानों पर रहने की व्यवस्था की। जिलाधिकारी ने धाम में निम में पण्डा समाज और व्यापारियों के साथ बैठक कर समस्याओं का निदान किया गया। बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि जिन पांच तीर्थपुरोहितों के मकान 2017 के अंत में तोड़ा गया था, उन सभी का मकान मास्टर प्लान के अनुसार तैयार कर लिया गया है और जुलाई प्रथम सप्ताह में हैंडओवर कर दिया जाएगा। 

इसके साथ ही जिनके मकान निर्माण की कार्रवाई शुरू नहीं की गई है उन सभी के लिए भूमि चिह्नीकरण किया जाएगा। कहा कि भूमि चिह्नित होते ही मकान निर्माण की कार्रवाई प्रारम्भ कर दी जाएगी। इसके साथ ही पटवारी ने केदारनाथ में सरकारी भूमि की नपत की प्रक्रिया की जा रही है। धाम में उपस्थित मंदिर समिति, जल संस्थान, विद्युत, सुलभ, डीडीएमए के अधिशासी अभियन्ता को यात्रियों को मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। 

आस्था पथ पर यात्रियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करने के निर्देश अधिशासी अभियंता जल संस्थान को दिए। जिलाधिकारी ने समस्त सेक्टर मजिस्ट्रेटों, सहायक सेक्टर मजिस्ट्रेटों को धाम में अपनी सक्रियता बनाये रखने के निर्देश दिए। इस अवसर पर संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन, एसडीएम गौरव चटवाल, ईई विद्युत मनोज सती, जल संस्थान संजय सिंह, डीडीएमए प्रवीन कर्णवाल, सुलभ धनंजय पाठक, सेक्टर मजिस्ट्रेट अजय शर्मा, प्रोजेक्ट मैनेजर जेएसडब्ल्यू विकास राणा, वुड स्टोन कम्पनी के मनोज सेमवाल, देवेन्द्र बिष्ट, सहायक सैक्टर मजिस्ट्रेट अमित ममगांई सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

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