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उत्तराखंड के केदारनाथ घाटी में बचाव अभियान पूरा, भारतीय वायुसेना ने आखिरी शख्स का किया सफल रेस्क्यू

Kedarnath Cloudburst केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने और भूस्खलन की घटना के 11 दिन बाद रविवार को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र से आखिरी जीवित व्यक्ति का सफल रेस्क्यू किया गया। इसी के साथ भारतीय वायुसेना ने केदारनाथ घाटी में बचाव अभियान भी पूरा कर लिया है। 31 जुलाई को लिनचोली के पास जंगलचट्टी में बादल फटने से केदारनाथ ट्रेकिंग मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था।

By Riya Pandey Edited By: Riya Pandey Updated: Sun, 11 Aug 2024 09:26 PM (IST)
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भारतीय वायुसेना ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र से आखिरी शख्स का किया सफल रेस्क्यू
एएनआई, रुद्रप्रयाग। Kedarnath Cloudburst: उत्तराखंड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र से आखिरी जीवित बचे व्यक्ति को निकालने के बाद भारतीय वायुसेना ने केदारनाथ घाटी में बचाव अभियान पूरा कर लिया है।

गौरीकुंड से कुल 218 कर्मियों को बचाया गया। इस जगह बादल फटने से विनाशकारी भूस्खलन हुआ था, जिसमें तीर्थयात्री फंस गए थे।

31 जुलाई को बादल फटने से हजारों तीर्थयात्री थे फंसे

बता दें कि 31 जुलाई को लिनचोली के पास जंगलचट्टी में बादल फटने से केदारनाथ ट्रेकिंग मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। मंदाकिनी नदी के उफान में सड़क का 20-25 मीटर हिस्सा बह जाने के बाद गौरीकुंड-केदारनाथ ट्रेकिंग मार्ग पर भीमबली से आगे तीर्थयात्री फंस गए थे। साढ़े 11 हजार से अधिक तीर्थयात्री फंस गए थे। तब से तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू अभियान जारी था।

रेस्क्यू अभियान में जुटीं रही टीमें

आपदा में लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, सेना, आइटीबीपी व सीआइएसएफ की टीमें जुटी हुई थीं। लाइव डिटेक्टर डिवाइस और खोजी कुत्तों की मदद भी ली गई।

इसके अलावा राहत कार्यों के लिए चिनूक और MI 17 हेलीकॉप्टरों को भी तैनात किया गया था। इस हादसे में कई लोगों ने अपनी जिंदगी भी गंवा दी। जबकि बाकी लोगों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया।

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