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केदारनाथ जाने के लिए हवाई यात्रा से महंगा है पालकी का सफर

केदारनाथ जाने के लिए अब पालकी का किराया हवाई सफर से भी महंगा हो गया है। प्रशासन ने घोड़ा-खच्चर के साथ ही पालकी की दरों में भी तीस फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 21 Apr 2018 05:15 PM (IST)
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केदारनाथ जाने के लिए हवाई यात्रा से महंगा है पालकी का सफर

रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: केदारनाथ जाने के लिए अब पालकी का किराया हवाई सफर से भी महंगा हो गया है। प्रशासन ने घोड़ा-खच्चर के साथ ही पालकी की दरों में भी तीस फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी है।

केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चर के साथ ही डंडी-कंडी की भी महत्वपूर्ण भागीदारी होती है। यात्रा सीजन में इस व्यवसाय से दस हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। मुख्य विकास अधिकारी डीआर जोशी ने बताया कि इस वर्ष घोड़ा-खच्चर व पालकी संचालकों की मांग पर पिछले दिनों डीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में घोड़ा-खच्चर व पालकी की दरें 20 से लेकर 30 फीसदी तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। इसकी सूची बुधवार को जारी कर दी गई। 

जिला पंचायत करेगी संचालन

इस बार भी घोड़ा-खच्चरों के संचालन का जिम्मा जिला पंचायत का होगा। सोनप्रयाग व गौरीकुंड से ही इनका संचालन किया जाएगा। 

यात्रियों से दुर्व्‍यवहार पर लाइसेंस होगा रद

प्रशासन ने घोड़ा-खच्चर संचालकों को सख्त हिदायत दी है कि वह यात्रियों के साथ किसी भी तरह का अप्रिय बर्ताव न करें। यदि ऐसी कोई शिकायत मिलती है तो संबंधित घोड़ा-खच्चर संचालक का लाइसेंस रद कर दिया जाएगा। 

हेलीकॉप्टर किराया

फाटा व गुप्तकाशी से केदारनाथ तक (आना व जाना) : 8000 रुपये

पालकी का किराया

गौरीकुंड से केदारनाथ-75 किलो वजन तक (आना व जाना) : 7950 रुपये

गौरीकुंड से केदारनाथ-90 किलो वजन तक (आना व जाना) : 9550 रुपये

घोड़ा-खच्चर का किराया

सोनप्रयाग से केदारनाथ : 2500 रुपये

गौरीकुंड से केदारनाथ : 2300 रुपये

पांच दिन में 22 घोड़ा खच्चरों का पंजीकरण

केदारनाथ यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण कार्य शुरू हो गया है। पांच दिन में मात्र 22 पशु स्वामियों ने ही अपने घोड़ा खच्चरों का पंजीकरण कराया है। वहीं डंडी-कंडी के पांच तथा पालकी का एक भी रजिस्ट्रेशन अभी तक नहीं हो सका है। 

रविवार से सोनप्रयाग व गौरीकुंड में जिला पंचायत की ओर से घोड़ा-खच्चर, पालकी एवं डंडी-कंडी के लिए पंजीकरण का कार्य शुरू हो गया था। इस बार रजिस्ट्रेशन की कुल 470 रूपये रखी गई है। इसमें घोडा-खच्चर के हॉकर व मजदूर का बीमा भी रखा है।  जिला पंचायत के कर निरीक्षक बीएस नेगी ने बताया कि सोनप्रयाग में घोडा-खच्चरों का पंजीकरण कार्य विधिवत रूप से शुरू हो गया है।

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