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Kathua Terrorist Attack: रुद्रप्रयाग के बलिदानी आनंद सिंह के गांव में पसरा मातम, पैतृक घाट में होगा अंतिम संस्कार

Kathua Terrorist Attack जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले को देश की रक्षा करते हुए उत्तराखंड के पांच जवान बलिदान हुए। जवानों के बलिदान होने से परिवारों के साथ-साथ पूरे जिले में मातम छाया हुआ है। बलिदानियों का पार्थिव शरीर देहरादून पहुंच चुका है। रुद्रप्रयाग के कांडा भरदार निवासी बलिदानी नायब सूबेदार आनंद सिंह रावत के बच्चे देहरादून में ही रहते हैं।

By Brijesh bhatt Edited By: Riya Pandey Updated: Tue, 09 Jul 2024 04:17 PM (IST)
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आतंकवादी हमले में बलिदान की खबर से जिले में शोक की लहर (फाइल फोटो)

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। देश की रक्षा करते हुए जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से हमले में बलिदान हुए जिले के कांडा भरदार निवासी नायब सूबेदार आनंद सिंह रावत के गांव में मातम पसरा हुआ है। इस घटना के बाद पूरे जिले में भी शोक की लहर है। शहीद के बच्चे देहरादून में रहते थे, जबकि मां गांव में ही रहती थी।

इस घटना के बाद बलिदानी के भाई देहरादून पहुंचा तथा बीती सोमवार को अपने भाई के बच्चों को लेकर अपने पैतृक गांव पहुंच गया है। बलिदानी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक घाट सूर्यप्रयाग में किया जाएगा।

देहरादून पहुंच चुके हैं बलिदानी के बच्चे व पत्नी

जम्मू कश्मीर के कठुआ में हुई आतंकी घटना में 41 वर्षीय नायब सूबेदार आनंद सिंह रावत बलिदान हो गए। गत दिवस ही बलिदानी के भाई कुंदन सिंह को सेना मुख्यालय से सूचना मिली, सूचना के तत्काल बाद वह देहरादून के लिए रवाना हुआ तथा अपने भाई की पत्नी व दो बच्चों के पास देहरादून पहुंचा।

पैतृक गांव के लिए रवाना हुआ पूरा परिवार

मंगलवार को बलिदानी के परिवार को सूचना मिलने के बाद देहरादून स्थिति मियांवाला में मातम पसर गया, आस पास के लोग ढांढस बधाने घर पर पहुंचे। सोमवार सुबह पूरा परिवार अपने पैतृक गांव कांडा भरदार के लिए रवाना हुआ, देर शाम को वह अपने गांव पहुंच गए।

छह महीने पहले घर आया था बलिदानी

बलिदानी आनंद सिंह 6 महीने पहले ही छुट्टी पर घर आया था, देहरादून के बच्चों के पास रहा तथा गांव में अपनी मां को मिलने भी आया। आनंद सिंह रावत 22 गढ़वाल राइफल में वर्ष 2001 में सेना में हुआ था। उनकी पत्नी 38 वर्षीय विजया रावत और दो बेटे 16 वर्षीय मनीष, 13 वर्षीय अंशुल वर्तमान में देहरादून के मियांवाला शिवलोक कॉलोनी के पास रह रहे थे।

जबकि बलिदानी की मां 70 वर्षीय मोली देवी और बड़ा भाई कुंदन सिंह रावत गांव तिलवाड़ा में दुकान का संचालन करता है।

पैतृक घाट पर होगी अंतिम विदाई

सोमवार को जम्मू कश्मीर में हुई इस आतंकी घटना में सेना के 5 जवान बलिदान हुए, सेना के कुछ वाहन इलाके में नियमित गश्त कर रहे थे। इस दौरान आतंकियों ने सेना के जवानों को निशाना बनाया। बलिदान का शव उसके पैतृक गांव लाया जाएगा, बुधवार को शव पहुंचने की उम्मीद है पैतृक घाट में उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।

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