Kedarnath By-Election 2024: केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को मतदान, 23 को आएंगे नतीजे
Kedarnath By-Election 2024 केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग ने 20 नवंबर को मतदान की तारीख तय की है। इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है। केदारनाथ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की शैलारानी रावत विधायक थीं। उनके निधन के बाद से ही यह सीट खाली है।
डिजिटल डेस्क, रुद्रप्रयाग। Kedarnath By-Election 2024: उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव का शंखनाद हो चुका है। चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने आगामी चुनावों की तिथियों की घोषणा करते हुए रिक्त चल रही केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तारीख के बारे में भी जानकारी दी है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने केदारनाथ सीट पर 20 नवबंर को मतदान होने का एलान किया है। वहीं 23 नवंबर को मतगणना होगी।
बता दें कि केदारनाथ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की शैलारानी रावत विधायक थीं और उनके निधन के बाद से ही यह सीट रिक्त है। माना जा रहा है कि इस सीट पर भाजपा-कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है।
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भाजपा के गढ़ को भेदने की चुनौती
केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने बहुत पहले ही तैयारियां प्रारंभ कर दी थी। पार्टी ने केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में पर्यवेक्षकों की संख्या बढ़ाई है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला को भी पर्यवेक्षक बनाया है। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी और विधायक वीरेंद्र जाति भी चार सदस्यीय पर्यवेक्षक दल में शामिल हैं।
कांग्रेस के सामने भाजपा के गढ़ को भेदने की चुनौती तो है ही, लेकिन इससे पहले गुटबंदी पर अंकुश लगाने के मोर्चे पर उसे परीक्षा देनी है।
वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ समन्वय स्थापित करने को बनाई गई प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति के सदस्य स्वयं खींचतान का शिकार हैं। कांग्रेस ने बद्रीनाथ की तरह ही केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में विजयी होने को अपना अगला लक्ष्य बनाया है।
पांच कैबिनेट मंत्रियों को सौंपी गई उपचुनाव की विशेष जिम्मेदारी
केदारनाथ उपचुनाव को भारतीय जनता पार्टी भी अधिक प्राथमिकता दे रही है और उसका एक महत्वपूर्ण हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। पीएम मोदी की बाबा केदारनाथ पर अगाध श्रद्धा है। प्रधानमंत्री के बाबा केदारनाथ के प्रति प्रेम और हिंदू जनमानस पर इसके प्रभाव को देखते हुए ही भाजपा इस उपचुनाव पर पूरी शक्ति झोंक रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार के पांच कैबिनेट मंत्रियों को उपचुनाव की विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है। भाजपा के इस दांव से कांग्रेस और अधिक चौंकन्नी है।
मुख्य विपक्षी दल पूरा प्रयास कर रहा है कि उपचुनाव को लेकर केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में पक्ष में माहौल तैयार किया जाए। साथ ही प्रदेश की धामी सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी को अधिक से अधिक उभारा जाए।
बता दें कि बदरीनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में यही रणनीति अपनाई गई और पार्टी लक्ष्य पाने में सफल रही। केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने में कथित गड़बड़ी को मुद्दा बनाकर केदारनाथ प्रतिष्ठा बचाओ यात्रा निकाली गई।
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