Kedarnath Closing 2022 : केदारनाथ धाम में भक्तों की भारी भीड़, कल शीतकाल के लिए बंद होंगे मंदिर के कपाट
Kedarnath Closing 2022 भगवान केदारनाथ के कपाट भैयादूज पर वैदिक मंत्रोच्चार एवं पौराणिक परंपराओं के साथ विधिविधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद करने को लेकर मंदिर समिति ने तैयारी शुरू कर दी है।
By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Wed, 26 Oct 2022 12:52 PM (IST)
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: Kedarnath Closing 2022 : द्वादश ज्योर्तिलिंगों में शामिल भगवान केदारनाथ के कपाट 27 अक्टूबर यानी भैयादूज पर्व पर वैदिक मंत्रोच्चार एवं पौराणिक परंपराओं के साथ विधिविधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
बुधवार को भगवान के पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। वहीं, गौरीकुंड स्थित मां गौरा माई के कपाट भी इसी दिन शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद करने को लेकर मंदिर समिति ने तैयारी शुरू कर दी है।
बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश निशंक के केदारनाथ के दर्शन किए। इस दौरान उन्हें सास लेने में दिक्कत महसूस हुई, उन्हें सेफ हाउस में कुछ देर ऑक्सीजन भी दी गई। इसके बाद वह बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हो गए।
पौराणिक परंपरा के अनुसार भैयादूज पर्व पर बंद होंगे कपाट
केदारनाथ मंदिर के कपाट पौराणिक परंपरा के अनुसार भैयादूज पर्व पर बंद कर दिए जाएंगे। गुरुवार यानी भैयादूज पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट इस वर्ष शीतकाल के लिए पौराणिक रीति रिवाजों के साथ बंद कर दिए जाएंगे। गुरुवार को सुबह मुख्य पुजारी टी. गंगाधर लिंग मंदिर के गर्भगृह में सुबह तीन बजे से विशेष पूजा-अर्चना शुरू की जाएगी।
यह भी पढ़ें : Gangotri Dham Closing : शीतकाल के लिए आज बंद हुए धाम के कपाट, अब तक 6.12 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
भगवान को भोग लगाने के उपरांत भक्त दर्शन करेंगे, जिसके बाद भगवान को समाधि पूजा के बाद गर्भगृह के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर के मुख्य कपाट सुबह 8.30 बजे बंद किए जाएंगे।
कपाट बंद होने के बाद भगवान की पंचमुखी उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए प्रथम पडाव फाटा, 28 अक्टूबर को भोले बाबा की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी तथा 29 अक्टूबर को पंचगददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊउखीमठ पहुंचेगी। शीतकाल के छह माह तक यहीं पर भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजाएं होंगी और भक्त दर्शन कर सकेंगे।
वहीं, 27 अक्टूबर को सुबह आठ बजे गौरीकुंड स्थित गौरामाई के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। मां की डोली मंदिर की एक परिक्रमा करने के बाद गौरी गांव के लिए रवाना होगी। शीतकाल के छह माह तक यहीं पर मां गौरामाई की पूजा-अर्चना संपन्न की जाएगी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।