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Kedarnath Dham: शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट, हजारों तीर्थयात्री बने साक्षी; उठी बाबा की डोली

Kedarnath Dham भगवान केदारनाथ के कपाट भैयादूज पर वैदिक मंत्रोच्चार एवं पौराणिक परंपराओं के साथ विधिविधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। मंदिर समिति ने पूरी तैयारी के साथ पूजा पाठ के बाद धाम के कपाट बंद कर दिए। इस खास मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ भी उमड़ी। बाबा केदार के जयकार के साथ अब बाबा केदार के कपाट अगले छह महीने के लिए बंद हो गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 15 Nov 2023 11:14 AM (IST)
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बाबा केदार के जयकारों के साथ बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट
जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग। श्री केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज बुधवार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष द्वितीया, वृश्चिक राशि, ज्येष्ठा नक्षत्र के शुभ अवसर पर प्रात: ठीक साढ़े आठ बजे विधि- विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गये। अब आने वाले छह महीना तक बाबा केदार के कपाट शीतकालीन गद्य स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भक्ति कर सकेंगे।

कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था और ढाई हजार से अधिक तीर्थयात्री कपाट बंद होने के अवसर पर मौजूद थे। इस दौरान सेना के भक्तिमय धुनों के साथ जय श्री केदार तथा ऊँ नमः शिवाय के उद्घोष से केदारनाथ गूंज उठा।

सेना के बैंड बाजों के साथ निकली डोली

कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली हजारों तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ पैदल प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना हो गई है। कपाट बंद होने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हो रहा है।

उन्नीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन

इस यात्रा वर्ष साढ़े उन्नीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये। उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी संस्थानों को भी बधाई दी। केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि से मंगलवार 14 नवंबर रात्रि तक 1957850(उन्नीस लाख सत्तावन हजार आठ सौ पचास ) तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये।

विधि-विधान से हुई पूजा

आज ब्रह्म मुहूर्त में श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद हो गए। मंदिर में नित्य नियम पूजा- अर्चना तथा दर्शन हुए तत्पश्चात कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत स्वयंभू शिवलिंग से श्रृंगार अलग कर केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में पुजारी शिवलिंग ने स्थानीय शुष्क पुष्पों, ब्रह्म कमल, कुमजा,राख से समाधि रूप दिया गया। इस दौरान श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय पूरे समय मौजूद रहे। साथ ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के अधिकारीगण, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तीर्थपुरोहित समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे।

बंद हुए सभी छोटे-बड़े मंदिरों के कपाट

ठीक साढ़े छ: बजे मंदिर गर्भ गृह में समाधि पूजा समापन की गयी। तत्पश्चात मंदिर के अंदर सभामंडप में स्थित छोटे मंदिरों को भी बंद किया गया। इसके बाद ठीक साढ़े आठ बजे केदारनाथ मंदिर के दक्षिण द्वार को बंद कर दिया गया। उसके तुरंत बाद पूरब द्वार को भी बंद किया गया। इस अवसर पर भारतीय सेना, आईटीबीपी तथा दानीदाताओं ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे आयोजित किये थे।

चल दी पंचमुखी डोली

आज पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 16 नवंबर को पंचमुखी डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी। 17 नवंबर शुक्रवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति शीतकालीन पूजा स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। इसके पश्चात शीतकालीन पूजा स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में श्री केदारनाथ भगवान की शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेगी।

ये लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,बीकेटीसी मुख्य कार्य अधिकारी योगेन्द्र सिंह, तहसीलदार दीवान सिंह राणा कार्याधिकारी आरसी तिवारी, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, थाना प्रभारी मंजुल रावत प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, देवानंद गैरोला उम्मेद नेगी, कुलदीप धर्म्वाण, ललित त्रिवेदी सहित जनप्रतिनिधि तीर्थपुरोहित एवं हज़ारों तीर्थयात्री मौजूद रहे।

यमुनोत्री धाम के भी कपाट आज होंगे बंद

उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को बंद हो रहे है। श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट गोवर्धन पूजा के अवसर पर मंगलवार पूर्वाह्न 14 नवंबर को बंद हुए श्री यमुनोत्री धाम आज दोपहर में शीतकाल हेतु बंद हो रहे है।

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