Kedarnath Dham: केदारघाटी में 17 लोग अभी भी लापता, कुल सात शव बरामद; छह की हुई पहचान
Kedarnath Dham 31 जुलाई की रात बादल फटने और भूस्खलन होने से केदारनाथ पैदल मार्ग कई स्थानों पर ध्वस्त हो गया था। केदारघाटी में 18 दिन पहले आई आपदा के बाद से अब तक सात शव मिल चुके हैं। बताते हैं कि उस दिन पैदल मार्ग के पड़ावों और धाम में लगभग 15 हजार तीर्थयात्री मौजूद थे जिसमें कुछ लोग लापता हो गए।
संवाद सहयोगी, जागरण, रुद्रप्रयाग। Kedarnath Dham: केदारघाटी में 18 दिन पहले आई आपदा के बाद से अब तक सात शव मिल चुके हैं। इनमें से छह की पहचान हो पाई है। इस बीच सोनप्रयाग थाने में 23 व्यक्तियों की गुमशुदगी दर्ज कराई जा चुकी है। इनमें छह लोग वो हैं, जिनके शव बरामद हो चुके हैं।
जिस शव की अभी तक पहचान नहीं हुई है, उसकी गुमशुदगी दर्ज है या नहीं, इसको लेकर स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं है। गुमशुदा 17 लोगों में तीर्थ यात्रियों के साथ कुछ स्थानीय लोग भी शामिल हैं। इनकी तलाश में गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर सर्च अभियान जारी है।
पड़ावों और धाम में लगभग 15 हजार तीर्थयात्री थे मौजूद
31 जुलाई की रात बादल फटने और भूस्खलन होने से केदारनाथ पैदल मार्ग कई स्थानों पर ध्वस्त हो गया था। उस दिन पैदल मार्ग के पड़ावों और धाम में लगभग 15 हजार तीर्थयात्री मौजूद थे, जिसमें कुछ लोग लापता हो गए। इनके मलबे में दबे होने की आशंका के दृष्टिगत एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डीडीआरफ की टीम भू्स्खलन प्रभावित लिनचोली समेत विभिन्न स्थानों पर खोजबीन कर रही है।यह भी पढ़ें- Kedarnath Dham Cloud Burst: 'फरिश्ता बनकर पहुंची NDRF ने दिया जीवनदान', मौत के मुंह से बचकर आए युवाओं ने बताई आपबीतीअब तक लिनचोली में मलबे से छह व्यक्तियों के शव मिल चुके हैं। इसके अलावा एक शव गुप्तकाशी के पास नदी में मिला है।
गुरुवार को लिनचोली में मलबे व पत्थरों के नीचे तीन शव मिले थे, जिनकी पहचान अर्चना एन्क्लेव गाजियाबाद उत्तर प्रदेश निवासी सुमित शुक्ला (21) व चिराग गुप्ता (20) और न्यू मांडलोई मयूर विहार दिल्ली निवासी निखिल सिंह (20) के रूप में हुई। उनका एक साथी कृष्ण पटेल उर्फ पिंटू निवासी जयपालपुर गाजियाबाद अभी लापता है।
जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग के डा. मनीष कुमार ने बताया कि तीनों की मौत सांस की नली में मिट्टी जाने और दम घुटने से हुई। उनके शव जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के बाद स्वजन को सौंप दिए गए हैं।यह भी पढ़ें- Kedarnath Dham Cloud Burst: 'दहशत में जागकर काटी रात, दो KM का रास्ता आठ घंटे में हुआ पूरा', मेरठ के परिवार ने बताई आपबीती
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