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Kedarnath Dham: देर रात हुई भारी बारिश ने मचाई तबाही, पैदल यात्रा मार्ग पर बनाया पुल फि‍र बहा

Kedarnath Dham पिछले दिनों केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर बादल फटने से टूटा पुल फि‍र से बह गया है। मंगलवार रात को लगातार भारी बारिश होने से नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण पुल बह गया है। बता दें कि विगत 31 जुलाई को केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर दो जगह बादल फटने ने भारी तबाही मची थी। मार्ग कई जगह ध्‍वस्‍त हो गया था।

By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 07 Aug 2024 10:17 AM (IST)
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Kedarnath Dham: सेना द्वारा बनाया गया पुल बहा

जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग । Kedarnath Dham: पिछले दिनों केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर बादल फटने से टूटा पुल फि‍र से बह गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने बताया कि सोनप्रयाग मंदाकिनी नदी पर आर्मी द्वारा केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए पैदल पुल तैयार किया गया था।

वह पुल मंगलवार रात को लगातार भारी बारिश होने से नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बह गया है। बता दें कि विगत 31 जुलाई को केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर दो जगह बादल फटने ने भारी तबाही मची थी। मार्ग कई जगह ध्‍वस्‍त हो गया था।

केदारनाथ पैदल मार्ग पर 500 मजदूर लगाने के दिए निर्देश

केदारघाटी में दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त हुए पैदल मार्ग को ठीक करने के लिए पांच सौ मजदूरों को लगाने के निर्देश दिए गए। साथ ही केदारनाथ पैदल यात्रा को दो हफ्ते में दोबारा शुरू करने के लिए उच्च अधिकारियों ने सभी संबंधित विभागों से सुझाव मांगे।

इसके लिए अनिवार्य पुनर्निमाण कार्यों का एस्टीमेट तैयार कर 2 से 3 दिनों के भीतर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। सोमवार को लोनिवि सचिव पंकज पांडे, आपदा सचिव विनोद सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, मुख्य अभियंता लोनिवि दयानंद ने केदारघाटी के प्रभावित क्षेत्रों का पैदल निरीक्षण एव हवाई सर्वेक्षण किया।

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इस दौरान क्षतिग्रस्त मार्गों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वॉशआउट सड़क मार्ग को पुर्नस्थापित करने के लिए प्राथमिकता से प्लानिंग तैयार कर अविलंब कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।

मार्ग निर्माण करने की कार्रवाई अविलंब शुरू करने के निर्देश

लोनिवि सचिव पंकज पांडे एव आपदा सचिव विनोद सुमन ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण सोनप्रयाग से गौरीकुंड के मध्य ध्वस्त सड़क में अस्थाई मार्ग निर्माण करने की कार्रवाई अविलंब शुरू करने के निर्देश दिए। सड़क एव पैदल मार्गों का त्वरित गति से निर्माण करने के लिए हर साइट पर एक एई और एक जेई तैनात किया जाए। कहा कि किसी भी प्रकार के पुनर्निर्माण कार्यों में प्रैक्टिकल व टेक्निकल दोनों पक्षों का पूरा ध्यान रखा जाए।

लोनिवि अधिकारियों ने बताया कि गौरीकुंड के समीप मौजूद घोड़ा पड़ाव के पास करीब 15 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है, इसके अलावा जंगलचट्टी में 60 मीटर हिसा ध्वस्त है। कुल मिलाकर 29 स्थानों पर कार्य किया जाना है। बताया कि केदारनाथ, गरुड़चट्टी, लिनचोली मार्ग जो इस अतिवृष्टि से प्रभावित नहीं हुआ है, उसे वैकल्पिक मार्ग के तौर पर इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया।

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लोनिवि सचिव ने कहा कि हर साइट पर कम से कम 10 मजदूर एवं बड़ी साइट्स पर आवश्यकता के अनुसार मजदूरों को लगाए जाए। इसके साथ ही पूरे मार्ग पर 500 मजदूर लगाने के भी निर्देश दिए। विभिन्न स्थानों के लिए 10 फोल्डिंग ब्रिज को चिनूक या पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचाए जाने की भी तैयारी है।

विद्युत निगम के अधिकारियों ने बताया कि गौरीकुंड लिनचोली और भीमबली में पोल क्षतिग्रस्त हुए हैं, इसके अलावा सोनप्रयाग के समीप 11 केवी का सब स्टेशन भी खतरे की जद में आ गया है।

गढ़वाल कमिश्नर ने सब स्टेशन के लिए नई भूमि चिन्हित कर भूमि की गुणवत्ता एव अन्य मानकों की जांच कर नए सब स्टेशन का निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे, यूपीसीएल निदेशक एमआर आर्य, एमडी पिटकुल पीसी ध्यानी, निदेशक पिटकुल जीएस बुदियाल, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर रघुराज सिंह, कमांडेंट एनडीआरएफ सुदीप कुमार, अधीक्षण अभियंता लोनिवि मुकेश परमार, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला, अधिशासी अभियंता एनएच निर्भय सिंह समेत कई अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।

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