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Kedarnath Dham: गौरीकुंड में फंसे 150 लोगों निकाला, आज हेली सेवा से शुरू होगी यात्रा; किराये में मिलेगी छूट

Kedarnath Dham केदारघाटी में आई आपदा के बाद से केदारनाथ धाम और पैदल मार्ग पर पड़ावों पर फंसे सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है। बुधवार से हेली सेवा के जरिये केदारनाथ यात्रा शुरू की जाएगी। यात्रियों को हेली के किराये में 25 प्रतिशत तक की रियायत दी जाएगी।

By Brijesh bhatt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 07 Aug 2024 11:19 AM (IST)
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Kedarnath Dham: केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग पर फंसे यात्रियों को रेस्क्यू अभियान पूरा
संवाद सहयोगी जागरण, रुद्रप्रयाग। Kedarnath Dham: केदारघाटी में आई आपदा के बाद से केदारनाथ धाम और पैदल मार्ग पर पड़ावों पर फंसे सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि सातवें दिन बचाव और राहत कार्य पूरा हो गया है।

बुधवार से हेली सेवा के जरिये केदारनाथ यात्रा शुरू की जाएगी। यात्रियों को हेली के किराये में 25 प्रतिशत तक की रियायत दी जाएगी। हालांकि जगह-जगह मार्ग ध्वस्त होने के कारण अभी पैदल यात्रा स्थगित रहेगी।

आज भी राहत-बचाव कार्य जारी

वहीं एसडीआरएफ की टीमों के द्वारा केदारनाथ पैदल धाम पैदल मार्ग पर लगातार रेस्क्यू और सर्च अभियान चलाया जा रहा है। आज बुधवार को सोनप्रयाग एसडीआरएफ टीम द्वारा सब इंस्पेक्टर अशीष डिमरी के नेतृत्व में गौरीकुंड में फंसे 150 स्थानीय लोगों एवं यात्रियों को पहाड़ी मार्ग से पैदल सुरक्षित रेस्क्यू किया जा रहा है।

लिनचोली से एसडीआरएफ के जवान कॉन्स रामनरेश के नेतृत्व में एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस की एक सब टीम द्वारा 60 स्थानीय लोगों एवं यात्रियों के समूह को रेस्क्यू किया जा रहा है।

अब तक 12 हजार यात्रियों का रेस्क्यू

केदारनाथ पैदल मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है। ऐसे में एक हफ्ते में पैदल मार्ग से भी यात्रा शुरू हो सकती है। बुधवार को राहत और बचाव कार्य में जुटी विभिन्न एजेंसियों ने 348 यात्रियों को सुरक्षित निकाला। अब तक 12 हजार यात्रियों का रेस्क्यू किया गया है। सर्च अभियान के दौरान चार शव भी निकाले गए हैं।

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31 जुलाई की रात केदारघाटी में बादल फटने और भूस्खलन के बाद धाम का पैदल रास्ता कई जगह ध्वस्त हो गया था। इस कारण तीर्थयात्री केदारनाथ धाम और विभिन्न पड़ावों पर फंस गए थे। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें तीर्थयात्रियों को निकालने में जुटी रहीं।

केंद्र सरकार ने भी चिनूक, एमआइ-17 समेत सात हेलीकाप्टर भी उपलब्ध कराए थे। मौसम अनुकूल न होने के बावजूद विभिन्न एजेंसियों ने युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाया। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि भूस्खलन के कारण 29 स्थानों पर पैदल और सड़क मार्ग ध्वस्त हुआ है।

इसे दुरुस्त करने का काम चल रहा है, जिससे यात्रा सुचारु हो सके। उन्होंने कहा कि यह बड़ी उपलब्धि है कि रिकार्ड समय में 12 हजार से अधिक यात्रियों और स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया है। उन्होंने कहा कि हेली के माध्यम से केदारनाथ धाम की यात्रा बुधवार से पुनः संचालित हो जाएगी।

तीर्थयात्रियों के किराये में 25 प्रतिशत छूट

हेली सेवा के जरिये केदारनाथ धाम के दर्शन करने पहुंच रहे तीर्थयात्रियों के किराये में 25 प्रतिशत छूट दी जाएगी। इसका खर्च राज्य सरकार उठाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से पेयजल, बिजली और संचार की लाइनों सहित सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है। सरकार का कोशिश है कि जल्द सभी व्यवस्थाएं पटरी पर आ जाएं।

राहत और बचाव कार्य में लगी एजेंसियों की भूमिका की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित ने मिलकर तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का काम किया है।

केंद्र सरकार ने भी चिनूक और एमआई हेलीकाप्टर उपलब्ध कराए, इससे राहत और बचाव कार्यों में बड़ी मदद मिली। बता दें कि केदारनाथ धाम में नौ कंपनियां हेली सेवाएं दे रही हैं। वर्षाकाल में दो कंपनियों से हेली सेवा संचालन चल रहा है।

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