Kedarnath Dham: बादल फटने से भयंकर तबाही, पैदल मार्ग 13 स्थानों पर बंद; खुलने में लग सकता है एक हफ्ता
Kedarnath Dham केदारनाथ पैदल मार्ग 13 स्थानों पर बुरी तरह ध्वस्त हो गया है। अतिवृष्टि से 16 किमी लंबा केदारनाथ पैदल मार्ग 13 स्थानों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। पैदल मार्ग पर आवाजाही सुचारू करने में एक सप्ताह से अधिक समय तक समय लग सकता है। गौरीकुंड से रामबाड़ा के बीच पैदल मार्ग को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है।
भीमबली, जंगलचट्टी में सबसे ज्यादा मार्ग ध्वस्त
बुधवार रात्रि को भीमबली और लिनचोली के बीच अतिवृष्टि केदारनाथ पैदल मार्ग में 13 स्थानों पर मार्ग क्षतिग्रस्त है। गौरीकुंड से रामबाड़ा के बीच पैदल मार्ग को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। भीमबली, जंगलचट्टी में सबसे ज्यादा मार्ग ध्वस्त हुआ है। जबकि 10 ऐसे स्थान हैंं, जहां पर मार्ग बुरी तरह टूटा है।जंगलचट्टी में 50 मीटर मार्ग वॉश आउट
रेस्क्यू किए यात्रियों को वितरित किए 18 हजार फूड पैकेट
केदारघाटी में विभिन्न पड़ावों में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर प्रशासन ने लगभग 18 हजार फूड पैकेट्स एवं करीब 35 हजार पानी की बोतलें उपलब्ध कराई गई। वहीं कालीमठ घाटी के सीमांत गांव चौमासी के युवकों ने भीमबली व लिनचोली से पैदल आ रहे पीड़ित यात्रियों को खाना बनाकर खिलाया।स्वास्थ्य विभाग की ओर से 286 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन में केदारघाटी में विभिन्न पड़ावों में तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने एवं भोजन उपलब्ध कराने के लिए संबंधित विभाग लगातार कार्य कर रहे हैं। यह भी पढ़ें- Kedarnath Dham पैदल मार्ग में दो जगह फटा बादल, कई पुलिया बही; दिखा 2013 की आपदा जैसा मंजर, इधर-उधर भागे यात्रीजिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने बताया कि गत गुरुवार सुबह से ही यात्रा मुख्य पड़ावों में फंसे श्रद्धालुओं को फूड पैकेट, पेयजल एवं भोजन की व्यवस्था करवाई जा रही है। केदारनाथ, लिनचोली, भीमबली, सोनप्रयाग, शेरसी, गुप्तकाशी एवं चैमासी सहित अन्य स्थानों पर शुक्रवार तक लगभग 18 हजार फूड पैकेट्स एवं करीब 35 हजार पानी की बोतलें उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं। इसके अलावा जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।स्वास्थ्य विभाग की ओर से राहत एवं उपचार कार्य भी जारी हैं। अब तक सोनप्रयाग, गौरीकुंड व शेरसी में 286 लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गईं।
- डाॅ. विमल सिंह गुसाई, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी
रेस्क्यू किए गए तीर्थयात्रियों की गई परिवहन व्यवस्था
केदारनाथ यात्रा के विभिन्न पड़ावों से रेस्क्यू किए गए यात्रियों की ओर से प्रशासन की ओर से परिवहन की व्यवस्था भी की गई। अलग-अलग स्थानों से तीन सौ यात्रियों को उनके गतंव्य को रवाना किया गया।यात्रा मार्ग में फंसे तीर्थ यात्रियों का हेली सेवा या मैनुअल रेस्क्यू किया जा रहा है। उनको उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए छोटे एवं बड़े वाहनों की व्यवस्था की गई है। गुप्तकाशी से दोपहर तक 20 छोटी गाडि़यों के माध्यम से 200 लोगों को ऋषिकेश के लिए भेजा गया है। इसके साथ एक बस के माध्यम से लगभग 40 लोगों को भेजा गया है। इसके साथ ही गुलाबराय मैदान से एक बस के माध्यम से 32 लोगों को हरिद्वार तथा 3 छोटे वाहनों के माध्यम से 30 यात्रियों को ऋषिकेश के लिए भेजा गया है।
- प्रमोद कर्नाटक, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी