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Kedarnath Dham: बादल फटने से भयंकर तबाही, पैदल मार्ग 13 स्थानों पर बंद; खुलने में लग सकता है एक हफ्ता

Kedarnath Dham केदारनाथ पैदल मार्ग 13 स्थानों पर बुरी तरह ध्वस्त हो गया है। अतिवृष्टि से 16 किमी लंबा केदारनाथ पैदल मार्ग 13 स्थानों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। पैदल मार्ग पर आवाजाही सुचारू करने में एक सप्ताह से अधिक समय तक समय लग सकता है। गौरीकुंड से रामबाड़ा के बीच पैदल मार्ग को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है।

By Brijesh bhatt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 03 Aug 2024 08:13 AM (IST)
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Kedarnath Dham: पैदल मार्ग को सुचारू करने में लग सकता है समय
संवाद सहयोगी जागरण, रुद्रप्रयाग। Kedarnath Dham: बुधवार रात्रि को हुई अतिवृष्टि से केदारनाथ पैदल मार्ग 13 स्थानों पर बुरी तरह ध्वस्त हो गया है। पैदल मार्ग पर आवाजाही सुचारू करने में एक सप्ताह से अधिक समय तक समय लग सकता है।

अतिवृष्टि से 16 किमी लंबा केदारनाथ पैदल मार्ग 13 स्थानों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे पैदल मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। हालांकि पैदल मार्ग को ठीक करने के लिए मजदूरों जुट गए हैं, लेकिन जिस तरह से मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है, उससे मार्ग का फिलहाल खुलना संभव नहीं लग रहा है।

भीमबली, जंगलचट्टी में सबसे ज्यादा मार्ग ध्वस्त

बुधवार रात्रि को भीमबली और लिनचोली के बीच अतिवृष्टि केदारनाथ पैदल मार्ग में 13 स्थानों पर मार्ग क्षतिग्रस्त है। गौरीकुंड से रामबाड़ा के बीच पैदल मार्ग को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। भीमबली, जंगलचट्टी में सबसे ज्यादा मार्ग ध्वस्त हुआ है। जबकि 10 ऐसे स्थान हैंं, जहां पर मार्ग बुरी तरह टूटा है।

भारी बारिश के चलते कई बरसाती नालों से भी पैदल मार्ग को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। पैदल मार्ग पर कई स्थानों पर बड़े बोल्डर गिरे हुए हैं, जिन्हें हटाने में भी लंबा समय लग सकता है।

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जंगलचट्टी में 50 मीटर मार्ग वॉश आउट

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण केदारनाथ की लोनिवि शाखा के अधिशासी अभियंता विनय झिंक्वाण ने बताया कि जंगलचट्टी में 50 मीटर मार्ग वॉश आउट है। जबकि भीमबली में 15 मीटर और अन्य स्थानों में भी पांच से 10 मीटर मार्ग को क्षति पहुंची है। उन्होंने बताया कि पैदल मार्ग को सुचारू करने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है।

पचास से साठ मजदूरों को मार्ग खोलने में लगा दिया गया है। वह केदारनाथ से पैदल मार्ग को ठीक करते हुए गौरीकुंड की और आएंगे। जल्द से जल्द मार्ग को खोलने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन मार्ग को काफी नुकसान पहुंचा है, ऐसे में पैदल मार्ग पर आवाजाही सुचारू करने के लिए समय लग सकता है। पैदल मार्ग कुबेर गदेरा, टीएफ चट्टी, रामबाड़ा, भीमबली, जंगलचट्टी, चीरबासा सहित 13 स्थानों पर क्षतिग्रस्त है।

रेस्क्यू किए यात्रियों को वितरित किए 18 हजार फूड पैकेट

केदारघाटी में विभिन्न पड़ावों में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर प्रशासन ने लगभग 18 हजार फूड पैकेट्स एवं करीब 35 हजार पानी की बोतलें उपलब्ध कराई गई। वहीं कालीमठ घाटी के सीमांत गांव चौमासी के युवकों ने भीमबली व लिनचोली से पैदल आ रहे पीड़ित यात्रियों को खाना बनाकर खिलाया।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से 286 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन में केदारघाटी में विभिन्न पड़ावों में तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने एवं भोजन उपलब्ध कराने के लिए संबंधित विभाग लगातार कार्य कर रहे हैं।

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जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने बताया कि गत गुरुवार सुबह से ही यात्रा मुख्य पड़ावों में फंसे श्रद्धालुओं को फूड पैकेट, पेयजल एवं भोजन की व्यवस्था करवाई जा रही है। केदारनाथ, लिनचोली, भीमबली, सोनप्रयाग, शेरसी, गुप्तकाशी एवं चैमासी सहित अन्य स्थानों पर शुक्रवार तक लगभग 18 हजार फूड पैकेट्स एवं करीब 35 हजार पानी की बोतलें उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं।

इसके अलावा जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से राहत एवं उपचार कार्य भी जारी हैं। अब तक सोनप्रयाग, गौरीकुंड व शेरसी में 286 लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गईं।

- डाॅ. विमल सिंह गुसाई, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी

रेस्क्यू किए गए तीर्थयात्रियों की गई परिवहन व्यवस्था

केदारनाथ यात्रा के विभिन्न पड़ावों से रेस्क्यू किए गए यात्रियों की ओर से प्रशासन की ओर से परिवहन की व्यवस्था भी की गई। अलग-अलग स्थानों से तीन सौ यात्रियों को उनके गतंव्य को रवाना किया गया।

यात्रा मार्ग में फंसे तीर्थ यात्रियों का हेली सेवा या मैनुअल रेस्क्यू किया जा रहा है। उनको उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए छोटे एवं बड़े वाहनों की व्यवस्था की गई है। गुप्तकाशी से दोपहर तक 20 छोटी गाडि़यों के माध्यम से 200 लोगों को ऋषिकेश के लिए भेजा गया है। इसके साथ एक बस के माध्यम से लगभग 40 लोगों को भेजा गया है। इसके साथ ही गुलाबराय मैदान से एक बस के माध्यम से 32 लोगों को हरिद्वार तथा 3 छोटे वाहनों के माध्यम से 30 यात्रियों को ऋषिकेश के लिए भेजा गया है।

- प्रमोद कर्नाटक, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी

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