Move to Jagran APP

ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग Kedarnath Dham के कपाट छह माह के लिए बंद, चल विग्रह डोली देख भावविभोर हुए भक्‍त; तस्‍वीरें

Kedarnath Dham Door Close विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज के पावन पर्व पर आगामी छह माह के लिए बंद हो गए हैं। कपाट बंद होने के अवसर पर केदारपुरी जय बाबा केदार के जय घोष तथा भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों से गूंज उठी। इस अवसर पर 15 हजार से अधिक भक्त उपस्थित थे।

By Brijesh bhatt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 03 Nov 2024 12:52 PM (IST)
Hero Image
Kedarnath Dham Door Close: 15 हजार से अधिक भक्त रहे केदारनाथ धाम में उपस्थित। जागरण
जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग। Kedarnath Dham Door Close: विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट रविवार को भैया दूज के पावन पर्व पर आगामी छह माह के लिए बंद हो गए हैं। कपाट बंद होने के अवसर पर केदारपुरी जय बाबा केदार के जय घोष तथा भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों से गूंज उठी। इस अवसर पर 15 हजार से अधिक भक्त उपस्थित थे।

कपाट बंद होने के बाद भगवान केदार की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास के लिए रवाना हो गई। अब भगवान केदार के दर्शन भक्त शीतकालीन गद्दीस्थल ओकारेश्वर मंदिर में कर सकेंगे। 

यह भी पढ़ें- Online Gaming के लिए 10वीं के छात्र ने अपने ही घर में करवाई 40 लाख की चोरी, उत्‍तराखंड में सामने आया चौंकाने वाला मामला

सुबह पांच बजे से बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई। बीकेटीसी के आचार्य, वेदपाठियों, पुजारीगणों ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा की। स्वयंभू शिवलिंग को भस्म, स्थानीय पुष्पों बेल पत्र आदि से समाधि रूप दिया गया।

सुबह 08:30 बजे बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाया गया। इसके बाद श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के साथ ही बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली ने अपने पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया। हजारों श्रद्धालु बाबा की पंचमुखी डोली के साथ पैदल ही रवाना हुए।

आपदा का दिखा असर, तीन लाख यात्री कम पहुंचे केदारनाथ धाम

रुद्रप्रयाग: इस वर्ष की केदारनाथ यात्रा पर आपदा का काफी बुरा असर रहा, यही कारण रहा कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग तीन लाख से अधिक यात्री दर्शनों को कम पहुंचे। केदारनाथ पैदल मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने से अगस्त महीने केदारनाथ यात्रा पूरी तरह बंद रही। यात्रियों की संख्या कम होने से यात्रा से जुड़े आम व्यापारियों पर भी इसका बुरा असर पड़ा।

केदारनाथ दर्शनों को आने वाले यात्रियों की संख्या में प्रत्येक वर्ष लगातार इजाफा हो रहा है। लेकिन इस वर्ष आपदा का साया रहने से यात्रा पर बुरा असर देखा गया। गत 31 जुलाई को केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ, 13 स्थानों पर केदारनाथ पैदल मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि सात लोगों की मौत हो गई और 20 यात्री आज भी लापता चल रहे हैं।

इस आपदा में धन व जन दोनो को बड़े पैमाने पर हानि हुई, पैदल मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने से यात्री सोनप्रयाग से आगे केदारनाथ नहीं जा सके, लगभग एक महीने यात्रा पूरी तरह बंद रही। पैदल मार्ग को ठीक करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की लोनिवि शाखा के चार सौ से अधिक मजदूर जुटे रहे, तब जाकर मार्ग को लगभग एक महीने में पूरी तरह सुचारू किया गया।

वहीं सोनप्रयाग से एक किमी आगे गौरीकुंड हाइवे पर डेढ़ सौ मीटर हाइवे भी पूरी तरह बह गया था, इससे भी यात्रा प्रभावित रही। यहां पर यात्रियों की आवाजाही भी प्रभावित हुई, इस स्थान पर दर्दनाक घटनाएं भी घटित हुई, पहाड़ी से लगातार आ रहे बोल्डर के चलते पांच यात्रियां की जान चली गई, इस स्लाइड़िग जोन के चलते केदारनाथ यात्रा पर बुरा असर पड़ा। प्रशासन को सोनप्रयाग में ही यात्रियों को लगातार रोकना पड़ा।

पिछले वर्ष पहुंचे थे 19.57 लाख यात्री

वहीं यात्रियों की संख्या की बात करें तो इस वर्ष 16.48 लाख के आसपास रही, जबकि गत वर्ष की बात करें तो 19.57 लाख से अधिक यात्रियों ने ने भोले बाबा के दर्शन किए।

यात्रियों की संख्या कम होने का सीधा असर यात्रा मार्ग से जुड़े होटल, छोटे व्यापारियों पर पड़ता है। उनकी आमदनी प्रभावित होती है। केदारनाथ क्षेत्र आपदा की दृष्टि से काफी संवेदनशील है, बरसात के समय इस पूरे क्षेत्र में आपदाओं की संभावना बढ़ जाती है। तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती कहते है कि गत जुलाई माह में आपदा के चलते यात्रा पर काफी बुरा असर पड़ा। हालांकि सरकार ने पैदल मार्ग को ठीक करने के लिए चार सौ से अधिक मजूदरों की तैनाती की, तब जाकर जल्द यात्रा सुचारू हो सकी।

वहीं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार कहते है कि जुलाई माह में आई आपदा से यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई, प्रशासन ने तत्काल क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग को ठीक करने के लिए कार्रवाई की तब जाकर जल्द यात्रा फिर से सुचारू हो सकी।

एक नजर

  • इस वर्ष दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या-1648500
  • हेली से दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या-128300
  • वर्ष 2023 में दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या-1957850
  • यात्री हेलीकाप्टर से जाने वाले यात्रियों की संख्या-140641
यह भी पढ़ें- Uttarakhand Weather Update: ...तो क्‍या दीवाली के बाद बढ़ेगी ठंड, पढ़ें क्‍या कहती है मौसम विभाग की भविष्‍यवाणी?

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।