हेलमेट लगाकर Kedarnath Dham की पैदल यात्रा करेंगे तीर्थयात्री, लैंडस्लाइड से बचाने को उत्तराखंड शासन का प्लान
Kedarnath Dham केदारनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक नई पहल की है। अब सोनप्रयाग से धाम तक 13 भूस्खलन प्रभावित व खतरनाक क्षेत्रों को पार करने के लिए तीर्थयात्रियों को हेलमेट पहनना होगा। यह हेलमेट जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य यात्रियों को भूस्खलन से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाना है।
संवाद सहयोगी, जागरण, रुद्रप्रयाग। Kedarnath Dham: केदारनाथ जाने वाले पैदल तीर्थयात्री अब सोनप्रयाग से धाम तक 13 भूस्खलन प्रभावित व खतरनाक क्षेत्रों को हेलमेट लगाकर पार करेंगे। ये हेलमेट जिला प्रशासन उपलब्ध कराएगा। इन दिनों केदारघाटी में सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच और केदारनाथ पैदल मार्ग पर कई भू्स्खलन क्षेत्र सक्रिय हैं। यहां वर्षा नहीं होने पर भी पहाड़ी से लगातार पत्थर और मलबा गिर रहा है।
सोमवार को सोनप्रयाग के पास भूस्खलन होने से पांच तीर्थ यात्रियों की जान चली गई थी। इसी को देखते हुए शासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह निर्णय लिया है। इसके अलावा यात्रा मार्ग पर अनाउंसमेंट सिस्टम और अलर्ट लाइट लगाने की भी तैयारी है, जिससे मौसम व भूस्खलन सहित यात्रा संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी श्रद्धालुओं को समय पर उपलब्ध कराई जा सकें।
पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की
गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय और आपदा सचिव विनोद सुमन ने श्रद्धालुओं को सुरक्षित व सुगम केदारनाथ यात्रा कराने के लिए बुधवार को शेरसी स्थित एक होटल में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। इसमें उन्होंने केदारनाथ यात्रा के दूसरे चरण और 31 जुलाई को केदारघाटी में आई आपदा के बाद हुए पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इसके बाद मंडलायुक्त और आपदा सचिव ने सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र व पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी किया।
मंडलायुक्त ने इस दौरान सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में हाईमास्क और हैलोजन लाइट लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि केदारनाथ यात्रा सुगम एवं सुरक्षित हो, इसके लिए सभी विभाग संवेदनशीलता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।
आपदा सचिव ने बताया कि केदारनाथ यात्रा को सुरक्षित और सुचारु रखने के लिए निरंतर समीक्षा बैठक की जा रही हैं। अब तक मुआवजा वितरण और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए मुख्यमंत्री लगभग 30 करोड़ रुपये स्वीकृत कर चुके हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को उन्होंने क्षतिग्रस्त हाईवे व पैदल मार्ग का पुनर्निर्माण गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए तेजी से करने के निर्देश दिए।
बैठक में विभागाध्यक्ष लोनिवि दीपक यादव, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला, अधीक्षण अभियंता लोनिवि टिहरी मुकेश परमार, प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डा. विमल गुसाईं, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. आशीष रावत, अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्भय सिंह समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
यहां हेलमेट पहनाकर कराई जाएगी यात्रा
जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत केदारनाथ हाईवे पर सोनप्रयाग और पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी, रामबाड़ा, भीमबली सहित 13 भूस्खलन प्रभावित व खतरनाक क्षेत्रों में श्रद्धालुओं को हेलमेट पहनाकर यात्रा करवाई जाएगी।