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Kedarnath Dham Yatra 2024: खुल गए भोले भंडारी के धाम के द्वार, 10 हजार से ज्‍यादा भक्‍त बने साक्षी; तस्‍वीरों में देखें पावन पल

Kedarnath Dham Yatra 2024 केदारनाथ धाम के कपाट ठीक सुबह 7 बजे विधि- विधान से खुल गये हैं। इस अवसर पर दस हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के गवाह बने। मंदिर को 20 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया था। साथ ही कपाट खुलते समय तीर्थयात्रियों पर हैलीकॉप्टर द्वारा पुष्‍पवर्षा हुई। कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से श्रृंगार रूप दिया गया।

By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 10 May 2024 08:38 AM (IST)
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Kedarnath Dham Yatra 2024: मंदिर को 20 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया

जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग। Kedarnath Dham Yatra 2024: विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट जय बाबा केदारनाथ के उद्घोष तथा सेना की ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच ठीक सुबह 7 बजे विधि- विधान से खुल गये हैं। इस अवसर पर दस हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के गवाह बने।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के अवसर पर विशेषरूप से मौजूद रहे। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी। देश‌ एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की। कहा कि इस बार चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनायेगी। प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु प्रतिबद्ध है।

मंदिर को 20 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया था। साथ ही कपाट खुलते समय तीर्थयात्रियों पर हैलीकॉप्टर द्वारा पुष्‍पवर्षा हुई। श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह भंडारे आयोजित किये गये हैं। वहीं शुक्रवार को कपाट खुलने के दौरान केदारनाथ में मौसम साफ रहा। आस-पास तथा दूर बर्फ होने से सर्द बयारें चलती रहीं।

इससे पहले कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत गुरुवार नौ मई शाम को भगवान केदार नाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से विभिन्न पड़ावों गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड से होते हुए श्री केदारनाथ धाम पहुंच गयी थी।

शुक्रवार प्रातः चार बजे से मंदिर परिसर तथा दर्शन पंक्ति में यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। उसके बाद बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह पुजारी, धर्माचार्य वेदपाठी तथा केदार सभा के पदाधिकारी तथा जिलाधिकारी डा. सौरभ गहरवार प्रशासन के अधिकारी पूरब द्वार से मंदिर पहुंच गये।

उसके पश्चात रावल धर्माचार्य तथा पुजारी गणों ने द्वार पूजा शुरू की। भगवान भैरवनाथ तथा भगवान शिव का आह्वान कर ठीक सुबह सात बजे बजे श्रीकेदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिये गये। कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से श्रृंगार रूप दिया गया। उसके पश्चात श्रद्धालुओं ने दर्शन शुरू किये।

केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी शिवशंकर लिंग, संस्कृति एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष मधु भट्ट, मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, वीरेंद्र असवाल, मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माचार्य ओमकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, आदि मौजूद रहे।

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