केदारनाथ धाम के पास अगस्ता 119 हेलीकॉप्टर हुआ था क्रैश, एयर इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ने शुरू की जांच
केदारनाथ में खराब हेलीकॉप्टर अगस्ता 119 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एयर इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो डीजीसीए और यूकाडा की आठ सदस्यीय टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। टीम ने हेलीकॉप्टर को हुए नुकसान की जानकारी ली और इंश्योरेंस कंपनी ने भी मौका मुआयना किया। एक सप्ताह के भीतर क्षतिग्रस्त मलबे को संबंधित कंपनी उठाएगी। बताया जा रहा है उस संतुलन बिगड़ने के कारण हेलीकॉप्टर को ड्राप करना पड़ा था।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। तीन माह से केदारनाथ में खराब हेलीकॉप्टर अगस्ता 119 शनिवार को सेना के एमआइ-17 से हैंग करके लाने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसकी जांच के लिए रविवार को एयर इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो, डीजीसीए एवं यूकाडा की आठ सदस्यीय टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण कर हेलीकॉप्टर को हुए नुकसान की जानकारी ली।
गत 24 मई को केस्ट्रल एविएशन कंपनी के हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने के कारण पायलट की सूझबूझ से हेलीकॉप्टर को केदारनाथ हेलीपैड से कुछ दूरी पर आपात स्थिति में लैंडिंग कराना पड़ा था। इसमें सवार छह यात्री बाल-बाल बचे थे। इसके हेलीकॉप्टर केदारनाथ हेलीपैड के पास ही लैंड था।
संतुलन बिगड़ने के बाद हुआ हादसा
शनिवार को खराब हेलीकॉप्टर को गौचर हवाई पट्टी लाते समय उसके भार एवं हवा के प्रभाव से एमआइ 17 का संतुलन बिगड़ने लगा, जिसके चलते पायलट ने केदारघाटी के थारू कैंप के नजदीक पहुंचने पर खराब हेलीकॉप्टर को घाटी में ड्राप करना पड़ा।इस दौरान हेली क्रैश से कोई जनहानि एवं नुकसान नहीं हुआ था। इसके बाद रविवार को एयर इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो, डीजीसीए एवं यूकाडा की आठ सदस्यीय टीम क्रैश हुए हेली के निरीक्षण के लिए पहुंची तथा उससे हुए नुकसान की जानकारी जुटाई गई।
साथ ही इंश्योरेंस कंपनी की ओेर से भी घटनास्थल का मौका मुआयना किया गया है। एक सप्ताह के भीतर उक्त हेली के क्षतिग्रस्त मलबे को संबंधित कंपनी की ओर से उठाया जाएगा। एयरक्राफ्ट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की टीम की ओर से दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर की मानिटरिंग की जा रही है।
रुद्रप्रयाग के जिला पर्यटन अधिकारी एवं हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि एयर इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो, डीजीसीए की टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण कर हेलीकॉप्टर को हुए क्षति का जायजा लिया। बताया कि इंश्योरेंस कंपनी ने भी इसका मौका मुआयना कर दिया।
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