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Kedarnath Rescue: पांचवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, पत्थर के नीचे दबा मिला शव- यात्रियों को पहुंचाया जा रहा सोनप्रयाग

केदारनाथ धाम से यात्रियों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। ऑपरेशन के पांचवे दिन मौसम साफ होने से हेलिकॉप्टर की मदद से यात्रियों को रेस्क्यू किया जा रहा है। रविवार को लगभग 1100 लोगों का सफलता पूर्वक रेस्क्यू किया गया। वहीं सेना ने भी अब कमान संभाल ली है। पैदल मार्ग पर आम लोगों को खोजने के लिए स्निफर डाँग भेजे गए हैं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 05 Aug 2024 06:13 PM (IST)
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चिनूक हेलिकॉप्टर से शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग से अब तक दस हजार से अधिक तीर्थयात्रियों व स्थानीय लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। सोमवार को केदार घाटी का मौसम साफ होने के साथ ही एमआई 17 और चिनूक से एयर लिफ्ट रेस्क्यू का कार्य शुरू हो गया है। एमआई चारधाम हेलीपैड पर यात्रियों को उतार रहा है। जबकि चिनूक गौचर हवाई पट्टी पर यात्रियों को उतरेगा।

रेस्कयू कर पहुंचाया सोनप्रयाग

आज SDRF टीम द्वारा 250 यात्रियों को लिंचोली से भीमबली एवं गौरीकुंड- मुनकटिया से 586 यात्रियों को रेस्क्यू कर सोनप्रयाग पहुँचाया गया। इसके अतिरिक्त कमांडेंट एसडीआरएफ श्री मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में दो टीमों के द्वारा बड़ी लिनचोली छोटी लिंचोली और भीम बली गौरीकुंड के क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से विस्तृत और गहन सर्चिंग अभियान चलाया गया l

पत्थर के नीचे मिला एक शव

इस अभियान के दौरान एसडीआरएफ की टीम द्वारा पत्थर के नीचे अंदर एक शव बरामद कर जिला पुलिस को सूचित कर दिया गया हैl केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर एसडीआरएफ की टीम के द्वारा लगातार सर्चिंग अभियान जारी है l अब इसमें एसडीआरएफ के एसडीआरएफ मुख्यालय से आए एसडीआरएफ के डॉग स्क्वायड की भी मदद ली जा रही है l

वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं रेस्क्यू एवं सर्च अभियान के पल-पल की जानकारी ले रहे हैं।

सोमवार सुबह 100 लोगों को सुरक्षा बलों की देखरेख में श्री केदारनाथ धाम से लिनचोली हेलीपैड के लिए रवाना कर दिया गया है। इन यात्रियों को लिनचोली से एयर लिफ्ट कर शेरसी हैलीपैड पर उतारा जाएगा। इसके अलावा एनडीआरएफ की टीमें जंगल एव मंदाकिनी नदी के आसपास भी लगातार सर्च अभियान चला रहे हैं।

रविवार को लगभग 1100 लोगों का सफलता पूर्वक रेस्क्यू किया गया। वहीं सेना ने भी अब कमान संभाल ली है। पैदल मार्ग पर आम लोगों को खोजने के लिए स्निफर डाँग भेजे गए हैं, सेना क्षतिग्रस्त् पैदल मार्ग को आवाजाही के लिए खोजे जाने में भी मदद करेगी।

वहीं गौरीकुंड व सोनप्रयाग के बीच वाशआउट हुए हाइवे कपर ट्राली लाकर बुजर्ग व घायलों को निकालने का कार्य भी सेना ने शुरू कर दिया है। रेस्क्यू आपरेशन के चौथे दिन रविवार को कुल 1155 का रेस्क्यू किया गया, जिसमें हेलीकाप्टर से 628 व पैदल मार्ग से 527 लोगों को रेस्क्यू किया गया।

हेली से लिनचोली, चीरबासा व केदारनाथ से रेस्क्यू किया गया, वहीं चौमास पैदल मार्ग से भी रविवार को 210 लोगों को रेस्क्यू किया गया। केदारनाथ पैदल मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू भी जारी है। सोनप्रयाग में मैन्युल रेस्क्यू के लिए अब सेना, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस के जवानों संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं।

6 ग्रेनेडियर यूनिट सीओ कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना आपदा से क्षतिग्रगस्त पैदल मार्ग को फिर से आवाजाही के लिए अनुकूल बनाने के लिए कार्य शुरू कर दिया है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाने के साथ ही गौरीकुंड की ओर फंसे घायल, बुजुर्ग एव दिव्यांगों को रेस्क्यू करने के लिए सेना ने एक ट्रॉली स्थापित कर दी है।

रविवार को चलने में असमर्थ लोगों के 25 बुजर्ग व घायलों का रेस्क्यू किया गया। वहीं स्निफर डाँग की टीम भी भेजी गई है, जो जंगल में भटक गए लोगों की खोजबीन करेगी, साथ ही भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में भी सर्च अभियान करेगी।

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