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केदारनाथ मंदिर समिति को जल्द मिलेगा अपना आशियाना, अस्थाई हट में रह रहे पुजारी व अन्य कर्मचारी; 2013 की आपदा के बाद से हैं बेघर

वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा में मंदिर समिति के सभी आवासीय कॉलोनी रावल व मुख्य पुजारी आवास भोग मंडी और अतिथि गृह त्रासदी की भेंट चढ़ गए थे। इसके बाद मंदिर समिति के लिए बिड़ला ग्रुप ने मंदिर के पास ही हट व कॉटेज का निर्माण किया। जिसमें मंदिर समिति के अस्थायी कार्यालय समेत मुख्य पुजारी व रावल आवास और मंदिर समिति अधिकारियों के कार्यालय संचालित...

By Brijesh bhatt Edited By: Riya Pandey Updated: Wed, 19 Jun 2024 07:54 PM (IST)
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केदारनाथ धाम में मंदिर समिति को अगले महीने मिल जाएगा अपना आशियाना
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। ग्यारह वर्षों से बेघर केदारनाथ मंदिर समिति को जुलाई महीने में अपना आशियाना मिल जाएगा। केदारनाथ त्रासदी वर्ष 2013 की आपदा के बाद से मंदिर समिति बेघर बनी हुई थी। वर्तमान में हट, किराए के भवनों व अस्थाई काटेजों में ही मंदिर समिति के कर्मचारी से लेकर पुजारी, रावत समेत अन्य भोग मंडी व पूजन कार्य संचालित हो रहा है। भवन निर्माण के बाद मंदिर समिति की व्यवस्थाएं भी सुचारू रूप से संचालित हो सकेंगी।

2013 की आपदा में सब कुछ हो गए थे ध्वस्त

वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा में मंदिर समिति के सभी आवासीय कॉलोनी, रावल व मुख्य पुजारी आवास, भोग मंडी और अतिथि गृह त्रासदी की भेंट चढ़ गए थे। इसके बाद मंदिर समिति के लिए बिड़ला ग्रुप ने मंदिर के पास ही हट व कॉटेज का निर्माण किया। जिसमें मंदिर समिति के अस्थायी कार्यालय समेत मुख्य पुजारी व रावल आवास और मंदिर समिति अधिकारियों के कार्यालय संचालित होते हो रहे हैं। लेकिन अन्य स्टाफ व मंदिर की व्यवस्थाओं का संचालन निजी भवनों से चल रहा है।

केदारनाथ मास्टर प्लान के तहत हो रहे सभी निर्माण कार्य

केदारनाथ मास्टर प्लान के तहत सभी निर्माण कार्य हो रहे हैं। हालांकि पुर्ननिर्माण कार्य वर्ष 2014 से ही शुरू हो गए थे, और वर्ष 2017 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत कार्य शुरू हुए, इसी में मंदिर समिति का कार्यालय, आवास व अतिथि गृह का निर्माण होना था। लेकिन भूमि चयन को लेकर काफी खोजबीन के बाद वर्ष 2021 में मंदिर समिति के आवासीय भवनों का निर्माण शुरू हुआ। अब मंदिर समिति के लिए कार्यालय कार्य पूरा हो जाएगा। हालांकि अतिथि गृह बनने में अभी ओर समय लगेगा।

8.60 करोड़ की लागत से आवासीय भवन, रावल व मुख्य पुजारी निवास, भोग मंडी व कर्मचारियों की आवासीय कॉलोनी तैयार की गई है। जो लगभग 14 हजार वर्ग फीट भूमि पर बन रहा है।

पुजारी, कार्याधिकारी व कर्मचारी सभी धाम में ही करते हैं निवास

केदारनाथ मंदिर की देखरेख व पूजाएं संपन्न कराने के साथ ही धाम की समस्त व्यवस्थाओं का संचालन श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पास ही होता है। धाम में मंदिर समिति की अपनी पेयजल लाइन व पावर हाउस भी है। यात्राकाल के दौरान मंदिर के रावल, मुख्य पुजारी, समिति के कार्याधिकारी व कर्मचारी धाम में ही निवास करते हैं।

समिति के स्टाफ की कुल संख्या 80 है, जो नियमित रूप से केदारनाथ यात्रा के दौरान निवास करती है। मंदिर समिति का भवन, कार्यालय बनने से कर्मचारियों की सुविधा मिलेगी, तथा यात्रा व्यवस्था ओर दुरुस्त हो सकेंगी।

बदरी-केदार मंदिर समिति केदारनाथ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर सिंह पुष्पवाण के अनुसार, केदारनाथ धाम में मंदिर समिति के आवासीय भवन, कार्यालय का निर्माण जुलाई महीने में पूरा हो जाएगा। इसी महीने उम्मीद है कि कार्यदायी संस्था मंदिर समिति को मुख्य कार्यालय भवन को हैंडओवर कर देगा।

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