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Kedarnath Yatra 2023: बाबा केदार की कुंडली से तय हुआ कपाट खुलने की दिन, कैसे होती है यह प्रक्रिया? पढ़ें

Kedarnath Yatra 2023 केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 25 अप्रैल को मेष लग्न में सुबह 620 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। बाबा केदार की जन्म राशि मिथुन है। इसी के आधार पर पंचांग गणना कर धाम के कपाट खोलने की तिथि व मुहूर्त तय होता है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sun, 19 Feb 2023 09:08 AM (IST)
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Kedarnath Yatra 2023: केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 25 अप्रैल को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: Kedarnath Yatra 2023: केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 25 अप्रैल को मेष लग्न में सुबह 6:20 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। शिवरात्रि पर्व पर पंच गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में धाम के कपाट खोलने की तिथि एवं मुहूर्त घोषित किए गए। इसी के साथ चारों धाम के कपाट खोलने की तिथि तय हो चुकी हैं।

बाबा केदार की जन्म राशि मिथुन

केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग के अनुसार बाबा केदार की जन्म राशि मिथुन है। इसी के आधार पर पंचांग गणना कर धाम के कपाट खोलने की तिथि व मुहूर्त तय होता है। इस दौरान यह भी देखा जाता है कि चंद्रमा का वास कहां है। शास्त्रों के अनुसार जब चंद्रमा का वास सम्मुख हो, तभी कपाट खोलने की गणना की जाती है।

केदारनाथ के बाद ही करनी चाहिए बदरीनाथ धाम की यात्रा

  • शास्त्रों में चारधाम की यात्रा को भक्ति से मोक्ष तक की यात्रा कहा गया है। इसीलिए चारधाम यात्रा यमुनोत्री से शुरू होकर गंगोत्री व केदारनाथ होते हुए बदरीनाथ धाम में विराम लेती है।
  • देवी यमुना भक्ति, मां गंगा ज्ञान, बाबा केदार वैराग्य व भगवान बदरी विशाल मोक्ष के पर्याय हैं।
  • ‘स्कंद पुराण’ के केदारखंड में कहा गया है कि केदारनाथ धाम के बाद ही बदरीनाथ धाम की यात्रा करनी चाहिए। तभी यात्रा सुफल मानी गई है।

20 अप्रैल को होगी केदारपुरी के रक्षक बाबा भैरवनाथ की पूजा

शनिवार सुबह पांच बजे बाबा केदार को बाल भोग लगाने के बाद जल, दूध, दही, घी व शहद से उनका महाभिषेक पूजन हुआ। इसके बाद श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारी, वेदपाठी, आचार्य व हक-हकूकधारियों की मौजूदगी में धाम के कपाट खोलने की तिथि निकाली गई।

पंचांग गणना के अनुसार 20 अप्रैल को ओंकारेश्वर मंदिर में केदारपुरी के रक्षक बाबा भैरवनाथ की पूजा की होगी।जबकि, बाबा केदार की चल-विग्रह उत्सव डोली 21 अप्रैल को ओंकारेश्वर मंदिर से अपने प्रथम पड़ाव गुप्तकाशी के लिए रवाना होगी।

22 अप्रैल को डोली यात्रा फाटा और 23 अप्रैल को गौरीकुंड में विश्राम करेगी। 24 अप्रैल को डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी और 25 अप्रैल को धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे।

इस अवसर मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल, तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, पं.मोहित सती, वीरेंद्र बर्त्वाल, पुष्कर जोशी, आशुतोष डिमरी व पंचगाई हक-हकूकधारी मौजूद रहे।

चारधाम के कपाट खोलने की तिथि

  • धाम, तिथि
  • यमुनोत्री, 22 अप्रैल
  • गंगोत्री, 22 अप्रैल
  • केदारनाथ, 25 अप्रैल
  • बदरीनाथ, 27 अप्रैल

15 मार्च को बदरी-केदार रवाना होंगे मंदिर समिति के अग्रिम दल

केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होने के साथ ही श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने यात्रा तैयारियां तेज कर दी हैं। यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेने समिति के अग्रिम दल 15 मार्च को केदारनाथ व बदरीनाथ धाम के लिए रवाना होंगे। शनिवार को ओंकारेश्वर मंदिर में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने यह जानकारी दी।

कहा कि यात्रा व्यवस्था में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में मंदिर समिति के कर्मठ व कुशल कार्मिकों की सुसंगठित टीम भेजी जाएंगी। यह टीम धाम में व्यवस्थाओं का जायजा लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देंगी। समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने कहा कि यात्रा व्यवस्था को लेकर शीघ्र एसओपी जारी की जाएगी।

इसी कड़ी में समिति की ओर से देश के चार प्रमुख मंदिरों तिरुपति बालाजी, वैष्णो देवी, महाकालेश्वर व सोमनाथ में व्यवस्थाओं का अध्ययन करने के लिए अपने दल भेजे गए थे। उनकी रिपोर्ट पर विचार-विमर्श के बाद धामों में भी व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। बैठक में समिति के कार्यकारी अधिकारी रमेश तिवारी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, राज कुमार नौटियाल, मंदिर अधिकारी युद्धवीर पुष्पाण आदि उपस्थित थे।

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