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Landslide in Uttarakhand: देर रात मचकंडी गांव में हुआ भूस्खलन, 17 परिवार ने भाग कर बचाई जान

Landslide in Uttarakhand उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के मचकंडी गांव में देर रात भूस्खलन से 17 परिवारों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा। प्रशासन ने सभी पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और राहत सामग्री वितरित की। आपदा प्रबंधन टीम और रेड क्रॉस ने भी प्रभावितों की मदद की। पूर्व विधायक मनोज रावत ने भी पीड़ितों को सहायता प्रदान की है।

By Brijesh bhatt Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 18 Sep 2024 09:20 AM (IST)
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क्यूंजा घाटी के मचकंडी में आपदा राहत सामग्री बांटते एसडीएम अनिल कुमार शक्ला आपदा प्रबंधन। जागरण

संवाद सहयोगी जागरण, रुद्रप्रयाग। गत रात्रि को ऊखीमठ विकास खंड की मचकंडी ग्राम सभा के गोबला तोक में भूस्खलन हो गया, गांव में रह रहे 17 परिवारों ने रात्रि को ही अपने घरों से भाग कर जान बचाई। सभी परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर सिफ्ट कर दिया गया है। वहीं आपदा प्रबंधन टीम व प्रशासन ने मंगलवार को गावं में पहुंचकर पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी गई।

मचकंडी गांव के ऊपर गत देर रात्रि भूस्खलन शुरू हुआ, जो लगातार अभी भी पिछले 24 घंटे से जारी है। जहां भूस्खलन हुआ वह गोबला तो है, यहां रह रहे 17 परिवार ने रात्रि को ही भाग कर जान बचाई। 17 परिवारों में से छह परिवार गोबला से लगे भणज के ग्वाड़ तोक में शिफ्ट हुए। जबकि बाकी परिवार भणज गांव के खाली गौशालाओं, मचकंडी के स्कूल और पंचायत भवन में रात्रि बिताई।

वहीं भूस्खलन की सूचना पर मंगलवार को प्रशासन की टीम गांव पहुंची तथा राहत बचाव कार्यो किए। जिला प्रशासन जिला रेड क्रॉस की ओर से उप जिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला के नतृत्व में आपदा प्रबंधन की टीम गांव पहुंची।

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जिला प्रशासन की ओर से राशन, सोलर लालटेन, पीड़ितों के रहने के लिए टेंट लगाया गया। रेड क्रॉस की टीम ने सभी प्रभावितों को तिरपाल वितरित किए स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य कैंप लगाया सभी का स्वास्थ्य परिक्षण किया दवाइयाँ वितरित की गई।

वहीं पूर्व विधायक मनोज रावत, जिला पंचायत सदस्य सुमन नेगी, रेड क्रॉस से राज्य प्रतिनिधि सतेंद्र भंडारी, कोषाध्यक्ष अनूप सेमवाल, सचिव जसपाल भारती, ग्राम प्रधान श्रीमती मधु देवी, सुरेंद्र सूर्या ने गांव पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में शामिल हुए।

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पूर्व विधायक मनोज रावत ने सभी पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मात्रा में राशन, तेल, मसाले और ईंधन देने, अकेली जगह पर अलग-अलग गौशालाओं या खाली घरों में जो पीड़ित रह रहे हैं, उन्हें सोलर लाइट और सोलर लालटेन देने, पीड़ितों को टैंट, तिरपाल और कंबलें देने, गौशालाओं में रह रहे परिवारों को गौशालाओं के पास जल संस्थान को एक अस्थायी पानी का कनेक्शन की मांग की है। साथ ही मेडिकल टीम गांव में भेजने की मांग की है ताकि बुजर्ग प्रभावित लोगों का उपचार हो सके।

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