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Gaurikund Landslide: गौरीकुंड में एक बार फिर हुआ भूस्खलन, दो बच्चों की मौत; एक सुरक्षित

Gaurikund Landslide उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने रौद्र रूप अपना लिया है। प्रदेश में बारिश और भूस्खलन से लोगों की जान आफत में आ गई है। बुधवार को रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड में एक बार फिर से भूस्खलन हुआ। इस लैंडस्लाइड में नेपाली मूल के तीन बच्चे दब गए। आनन-फानन में इन्हें रेस्क्यू करके अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों में तीन में से दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 09 Aug 2023 07:22 AM (IST)
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गौरीकुंड में एक बार फिर हुआ भूस्खलन, दो बच्चों की मौ
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। रुद्रप्रयाग में एक बार फिर से भूस्खलन हुआ है। बुधवार सुबह गौरीकुंड में एक बार फिर से लैंडस्लाइड हुई है और इसमें दो बच्चों की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक इस भूस्खलन की चपेट में तीन नेपाली मूल के बच्चे आए थे, जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों में दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया, जबकि एक का इलाज जारी है।

रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने अवगत कराया कि बुधवार सुबह गौरीकुंड के गौरी गांव में भूस्खलन हुआ। नेपाली मूल के तीन बच्चे भूस्खलन की चपेट में आने से दब गए। तीनों बच्चों को स्थानीय पुलिस, एनडीआरएफ व स्थानीय लोगों की मदद से गौरीकुंड हॉस्पिटल में उपचार हेतु लाया गया। जहां दो बच्चों को डॉक्टर द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। 

भूस्खलन का शिकार हुआ नेपाली परिवार

रात्रि 12 बजे गौरीकुंड गांव में हेलीपैड से आगे गांव के नीचे एक नेपाली परिवार के ऊपर के खेत मलबा आ गिरा।  भूस्खलन की चपेट में आने के कारण तीन बच्चे दब गए। सूचना पर रात्रि को ही राहत बचाव टीम मौके पर पहुंचकर एक बच्ची को दो लड़कों को मलबे से बाहर निकाला। बच्चों को चिकित्सालय गौरीकुंड पहुंचाया गया है।

इस घटना में तीन ही बच्चों के दबने की सूचना थी, जिसमें बड़ी लड़की स्वीटी 8 वर्ष, छोटी लड़की पिंकी 5 वर्ष तथा एक छोटा बच्चा जो मलबे में दबे थे। तीनों को अस्पताल पहुंचाया गया, जिसमें स्वीटी ठीक है। 5 साल की पिंकी और छोटे बच्चे की मौत हो गई है। इन्हें चिकित्सक द्वारा मृत घोषित कर दिया गया।

पिता गया है नेपाल

बच्चों के पिता सत्यराज अपने गांव नेपाल गए हुए हैं, जबकि माता जानकी बच्चों के साथ ही डेरे में सो रही थी। जानकी मलबा आने के बाद डेरे से बाहर सकुशल निकल आई थी, जबकि बच्चे मलबे में दबे रह गए थे। बच्चों की मौत से मां सदमे में है।

3 अगस्त को भी हुआ था भूस्खलन

गौरतलब है कि केदारनाथ यात्रा मार्ग के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकुंड में 3 अगस्त को भी भूस्खलन हुआ था। 3 अगस्त की रात भारी मूसलाधार बारिश के बाद आए भूस्खलन की चपेट में आकर 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 लोग लापता हैं। इस भूस्खलन में लापता हुए 20 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

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