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मंदाकिनी नदी का रुख मोड़ कराई जा रही केदारनाथ यात्रा, बरसात से बह सकता है हाईवे का यह हिस्‍सा

केदारनाथ हाइवे पर मंदाकिनी नदी का रुख मोड़कर बनाए गए अस्थायी मार्ग से रोजाना दो से तीन हजार वाहनों की आवाजाही करवाई जा रही है। यह मार्ग कभी भी बह सकता है।

By Edited By: Updated: Sun, 16 Jun 2019 08:52 PM (IST)
मंदाकिनी नदी का रुख मोड़ कराई जा रही केदारनाथ यात्रा, बरसात से बह सकता है हाईवे का यह हिस्‍सा
रुद्रप्रयाग, बृजेश भट्ट। ऑलवेदर रोड के तहत गौरीकुंड (केदारनाथ) हाइवे पर बांसवाड़ा में चल रहा निर्माण कार्य केदारनाथ यात्रा पर भारी पड़ सकता है। इस स्थान पर मंदाकिनी नदी का रुख मोड़कर नदी के ही 200 मीटर हिस्से में बनाए गए अस्थायी मार्ग से रोजाना दो से तीन हजार वाहनों की आवाजाही करवाई जा रही है। दावा है कि बरसात से पूर्व इस अस्थायी मार्ग से आवाजाही बंद कर मुख्य हाइवे से वाहन आने-जाने लगेंगे। जबकि, स्थिति यह है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही बर्फ पिघलने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। इससे जरा-सी चूक किसी बड़ी अनहोनी का सबब बन सकती है।

जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 28 किमी दूर गौरीकुंड हाइवे पर बांसवाड़ा के पास ऑलवेदर रोड के तहत सड़क की कटिंग चल रही है। कार्य बिना रुकावट के समय पर पूरा हो और केदारनाथ जाने-आने वाले वाहनों को यहां पर रोका न जाए, इसके लिए मंदाकिनी नदी का रुख मोड़कर नदी में ही लगभग 200 मीटर लंबा अस्थायी मोटर मार्ग तैयार करने के साथ एक वैकिल्पक पुल भी बनाया गया है। कपाट खुलने के बाद इसी अस्थायी मार्ग से वाहनों की आवाजाही कराई जा रही है। इधर, लगातार बढ़ रही गर्मी के कारण बर्फ पिघलने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर भी बढऩे लगा है। जिससे हाइवे का यह हिस्सा खतरनाक हो गया है। कारण, हाइवे पर ट्रैफिक का भारी दबाव है और ऐसी स्थिति में कभी भी कोई अनहोनी घट सकती है।

नेशनल हाइवे (एनएच) लोनिवि का दावा है कि बरसात शुरू होने से पूर्व हाइवे दुरुस्त कर लिया जाएगा। एनएच के अधिशासी अभियंता जेपी त्रिपाठी ने बताया कि बांसवाड़ा में कटिंग का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में जेसीबी व भारी मशीनें लगाई गई हैं। तय समय पर इससे वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।

बरसात में चुनौती पेश करेगा हाइवे

देश में मानसून दस्तक दे चुका है और जल्द ही इसके उत्तराखंड पहुंचने की भी संभावना है। ऐसे में यदि बरसात से पूर्व हाइवे की कटिंग का कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो यहां पर आवाजाही की गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है। वहीं, बांसवाड़ा में मुख्य हाइवे पर पहाड़ी के 150 मीटर हिस्से में भी कटिंग का कार्य चल रहा है।  यह स्थान स्लाइडिंग जोन के साथ संवेदनशील भी है। यहां पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने का खतरा बना रहता है और पूर्व में कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। इसी को देखते हुए यहां पर कटिंग का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के लिए दूसरा वैकल्पिक मोटर मार्ग बनाया गया है। 

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