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उत्तराखंड के इस जिले में लगाई जा रही नॉन वोवन बैग बनाने की मशीन, इन राज्यों से आएगा रॉ मैटेरियल; पॉलिथीन का है विकल्प

सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में जनपद में जिलाधिकारी सौरभ गहरवार भी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल खत्म करवाने के लिए लगातार मानेटरिंग कर रहे हैं। जिले में सहकारिता विभाग भेषज एवं सहकारी संघ भटवाड़ीसैण के माध्यम से जनपद में नॉन वोवन बैग की इकाई स्थापित की जाएगी।

By Brijesh bhatt Edited By: riya.pandey Updated: Tue, 02 Jan 2024 01:35 PM (IST)
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Non Woven Bag: सिंगल यूज प्लास्टिक से मिल सकेगी मुक्ति
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। Non Woven Bag: जनपद में नॉन वोवन बैग तैयार किए जाएंगे, ताकि पालिथीन से बने बैग का विकल्प मिल सके। इसके लिए रॉ मैटेरियल हरियाणा, पंजाब व हिमाचल प्रदेश से लाया जाएगा। जिला भेषज एवं सहकारी संघ भटवाड़ीसैण में स्थापित किया जाएगा।

सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में जनपद में जिलाधिकारी सौरभ गहरवार भी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल खत्म करवाने के लिए लगातार मानेटरिंग कर रहे हैं।

जिले में स्थापित होगी नॉन वोवन बैग की इकाई

जिले में सहकारिता विभाग, भेषज एवं सहकारी संघ भटवाड़ीसैण के माध्यम से जनपद में नॉन वोवन बैग की इकाई स्थापित की जाएगी। ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार देने के साथ ही जनपद में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने में मदद मिल सके।

अभी तक जनपद में नॉन वोवन बैग ऋषिकेश व बाहरी क्षेत्रों से मंगलवाया जाता है और इसके बाद इसे बेचा जाता है। 250 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से व्यापारियों को बेचा जाता है। इस मशीने से प्रतिघंटा एक हजार बैग तैयार किए जा सकते हैं।

आसानी से डिस्ट्राय हो जाने वाले कपड़े का बना होता नॉन वोवन बैग

जनपद में ही बनने के बाद व्यापारियों को प्रति किलो लगभग पचास रुपए का फायदा होगा और पयाप्त संख्या में भी उपलब्ध हो सकेंगे। नॉन वोवन बैग एक ऐसे कपड़े का बना होता है जो आसानी से डिस्ट्राय हो जाता है। यह पालिथीन के बैग के रूप में महत्वपूर्ण विकल्प है। जिसको देखते हुए सरकारी स्तर पर इसे बनाने के लिए सहकारियात विभाग आगे आया है।

जिला सहायक निबंधक सहकारिता रणजीत सिंह राणा ने बताया कि 30 लाख की लागत से जनपद में नॉन वोवन बैग की फैक्ट्री लगने जा रही है। सर्वे एवं डीपीआर कार्य पूर्ण होने के बाद इकाई की स्थापना को टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है।

विश्व मिलेट वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है यह साल

रणजीत सिंह ने बताया कि यह वर्ष विश्व मिलेट वर्ष के रूप में भी मनाया जा रहा है इस क्षेत्र में भी जनपद में किसान एवं काश्तकारों के साथ मिलकर सहकारिता विभाग ने बेहतरीन काम करते हुए 195 मीट्रिक टन मंडुवा किसानों से खरीदा है। इससे किसानों को अब तक 75 लाख रुपए की आय भी हो चुकी है। वहीं कई महिला स्वयं सहायता समूह ने भी इसमें सक्रिय भागीदारी निभाते हुए आमदनी की है।

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