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केदारनाथ के पौराणिक स्वरूप से हो रही छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं: तीर्थपुरोहित

तीर्थपुरोहितों ने राज्य सरकार पर केदारनाथ के पौराणिक स्वरूप से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने सरकार के खिलाफ धरना भी दिया।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Mon, 14 May 2018 09:48 PM (IST)
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केदारनाथ के पौराणिक स्वरूप से हो रही छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं: तीर्थपुरोहित

रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: केदारनाथ के पौराणिक स्वरूप से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए तीर्थपुरोहितों ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और छह घंटे उपवास रखा। इस दौरान उन्होंने कहा कि हर सोमवार को तीर्थपुरोहित धरना देकर सरकार की नीतियों का विरोध करेंगे। 

दरअसल, पिछले दिनों देहरादून में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मौजूदगी में तीर्थपुरोहितों के संगठन केदारसभा ने हर सोमवार को केदारनाथ में धरने का एलान किया था। इसी के तहत सोमवार को तीर्थपुरोहित मंदिर प्रांगण में एकत्रित हुए और धरने पर बैठ गए। करीब छह घंटे तक चले धरने के दौरान उन्होने सरकार पर आरोप लगाया गया कि पुनर्निर्माण कार्यों के लिए पुरोहितों को भरोसे में नहीं लिया गया। 

केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि मंदिर के सम्मुख रास्ते को 70 फीट चौड़ा किया जा रहा है। मंदिर परिसर का भी विस्तार किया जा रहा है। इससे केदारनाथ का पौराणिक स्वरूप ही बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, विधायक मनोज रावत व सांसद प्रदीप टम्टा के साथ ही चारधाम हकहकूक धारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल भी इस पर एतराज जता चुके हैं। बावजूद इसके उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। 

धरने पर बैठने वालों में केदार सभा के उपाध्यक्ष आनंद सेमवाल, महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती, विजेन्द्र शर्मा, पुरुषोत्तम तिवारी, अरविंद शुक्ला आदि थे। 

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