Kedarnath Yatra: 20 अप्रैल को ऊखीमठ पहुंच जाएंगे केदारनाथ धाम के रावल
केदारनाथ धाम के रावल श्री 1008 भीमा शंकर लिंग 20 अप्रैल को ऊखीमठ पहुंच जाएंगे। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें उत्तराखंड आने की अनुमति प्रदान कर दी है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 16 Apr 2020 07:34 AM (IST)
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। केदारनाथ धाम के रावल श्री 1008 भीमा शंकर लिंग 20 अप्रैल को ऊखीमठ पहुंच जाएंगे। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें उत्तराखंड आने की अनुमति प्रदान कर दी है। रावल ने बताया कि इस समय वह अपने नांदेड़ (महाराष्ट्र) स्थित आश्रम में हैं।
केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खोले जाने हैं। कपाट खुलने के मौके पर रावल की मौजूदगी में ही समस्त धार्मिक परंपराओं का निर्वहन होता है। शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से पंचमुखी उत्सव डोली के साथ रावल केदारनाथ पहुंचते हैं। लेकिन, कोरोना संक्रमण के चलते इस बार कयास लगाए जा रहे थे कि शायद रावल तय तिथि पर केदारनाथ न पहुंच पाएं। इस संबंध में ‘दैनिक जागरण’ से दूरभाष पर हुई बातचीत में रावल भीमा शंकर लिंग ने बताया कि वह 20 अप्रैल को हर हाल में शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ पहुंच जाएंगे। कैसे पहुंचेंगे यह प्रदेश सरकार पर निर्भर है। कहा कि कपाटोद्घाटन के मौके पर और इससे पूर्व सभी परंपराओं का विधि-विधान पूर्वक निर्वहन किया जाएगा।
कोरोना से मुक्ति के बाद ही खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड यात्रा मैनेजमेंट ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि अब वैश्विक महामारी कोरोना से निजात मिलने के बाद ही हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू करने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। लेकिन, वह भी सरकार के साथ रायशुमारी के बाद। विदित हो कि पहले हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की तिथि एक जून तय की गई थी।
चमोली जिले में समुद्रतल से 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा सिखों का सबसे ऊंचाई वाला धर्म स्थल है। यहां प्रत्येक वर्ष एक जून से 10 अक्टूबर तक यात्रा संचालित होती है। हालांकि, वर्ष 2017 व 2018 में स्थितियां अनुकूल होने के चलते 25 मई को ही धाम के कपाट खोल दिए गए थे। हालांकि, कपाट खोलने से पहले पैदल मार्ग से बर्फ हटाने के लिए सेना लगानी पड़ती है। इस बार हेमकुंड साहिब में अभी भी बर्फबारी हो रही है।
यह भी पढ़ें: Badrinath Yatra Coronavirus Effect: धाम के प्रसाद में भी इस बार दिखेगा कोरोना का असरगुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि धाम में अभी 18 फीट से अधिक बर्फ है। गुरुद्वारा, पवित्र सरोवर और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर पूरी तरह बर्फ के आगोश में हैं। घांघरिया हेलीपैड पर दो फीट और घांघरिया में चार फीट से अधिक बर्फ है। यही नहीं, घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक के छह किमी पैदल मार्ग में भी पांच से दस फीट तक बर्फ जमी है। फिर वर्तमान में कोरोना महामारी के विश्वव्यापी कहर को देखते हुए गुरुद्वारा मैनेजमेंट ट्रस्ट धाम के कपाट खोलने में जल्दबाजी नहीं करना चाहता।
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