Kedarnath Yatra केदारनाथ घाटी में बीती 31 जुलाई को आई आपदा के बाद पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। आपदा का असर केदारनाथ यात्रा पर भी देखने को मिला। सभी तीर्थयात्रियों ने होटलों की एडवांस बुकिंग कैंसिल कर दी। 15 सितंबर तक की 90 प्रतिशत बुकिंग निरस्त कर दिए जाने से होटल कारोबारी निराश हैं। यात्रा के दूसरे चरण में भी तीर्थ यात्रियों की संख्या पर पड़ सकता है।
बृजेश भट्ट,
रुद्रप्रयाग। केदारघाटी में आई आपदा के बाद केदारनाथ यात्रा गति भी बेहद धीमी हो गई है। वर्षाकाल के बाद सितंबर पहले सप्ताह से यात्रा का दूसरा चरण शुरू हो जाता है और तीर्थ यात्रियों की संख्या भी बढ़ने लगती है। लेकिन, बीती 31 जुलाई की आपदा में पैदल मार्ग को हुई भारी क्षति के बाद जिस तरह होटलों की एडवांस बुकिंग निरस्त हो रही है, उसका असर तीर्थ यात्रियों की संख्या पर पड़ सकता है।
अब तक सितंबर पहले पखवाड़े की 90 प्रतिशत बुकिंग निरस्त हो चुकी है। हालांकि, प्रशासन पैदल मार्ग को जल्द से जल्द पूर्व की स्थिति में लाने की बात कह रहा है, ताकि उस पर तीर्थ यात्रियों के साथ घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी की राह भी आसान हो सके।
आपदा के बाद 25 दिन में सिर्फ 3830 तीर्थयात्री ही पहुंचे धाम
आपदा के बाद 25 दिन में सिर्फ 3,830 तीर्थयात्री ही केदारनाथ धाम पहुंचे हैं, वह भी हेली सेवा के जरिये। इनमें पैदल मार्ग से जाने वालों की संख्या सौ भी नहीं है यानी पैदल मार्ग पर आवाजाही अभी लगभग बंद ही है। मार्ग की स्थिति खतरनाक होने और व्यवसायियों के बोरिया-बिस्तर समेटकर वापस चले जाने के कारण होटलों की एडवांस बुकिंग भी लगातार निरस्त हो रही है।
बुकिंग कैंसिल होने से होटल कारोबारी मायूस
केदारनाथ होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी के अनुसार, सितंबर पहले पखवाड़े की बुकिंग निरस्त होने से होटल व्यवसायी मायूस हैं। हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि पैदल मार्ग के पूरी तरह दुरुस्त हो जाने पर तीर्थ यात्रियों की आमद बढ़ेगी।
प्रशासन ने भी पैदल मार्ग को पूर्व की स्थिति में लाने के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है। 300 से अधिक श्रमिक मार्ग के पुनर्निर्माण में जुटे हैं। क्षतिग्रस्त हिस्सों में मार्ग को पुश्ते लगाकर चौड़ा किया जा रहा है। फिलहाल इन स्थानों पर मार्ग दो मीटर तक चौड़ा कर दिया गया है।
425 होटल-लाज में 10 हजार के ठहरने की व्यवस्था
केदारनाथ होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी ने बताया कि केदारघाटी में गुप्तकाशी से लेकर गौरीकुंड तक लगभग 425 होटल व लाज हैं। इनमें 10 हजार लोग एक समय में ठहर सकते हैं। बताया कि होटल-लाज 15 सितंबर तक के लिए लगभग फुल थे, लेकिन 31 जुलाई की आपदा के बाद 90 प्रतिशत तीर्थयात्री अपनी बुकिंग निरस्त करा चुके हैं।
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केदारनाथ पैदल मार्ग जिन स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुआ है, वहां पुश्ते लगाकर उसे चौड़ा किया जा रहा है। कोशिश है कि जल्द से जल्द पैदल मार्ग की चौड़ाई पूर्व की भांति कर दी जाए, ताकि पैदल यात्रियों के साथ घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी के संचालन में कोई दिक्कत न हो।
- विनय झिंक्वाण, अधिशासी अभियंता, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (लोनिवि शाखा)
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