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सुपर स्टार रजनीकांत ने बाबा केदारनाथ के किए दर्शन

सुपर स्टार रजनीकांत आज सुबह बाब केदारनाथ के दर्शन किए। इसके बाद वह भगवान बदरी विशाल के दर्शन करने लिए बदरीनाथ रवाना हो गए।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 15 Oct 2019 08:33 PM (IST)
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सुपर स्टार रजनीकांत ने बाबा केदारनाथ के किए दर्शन
रुद्रप्रयाग, जेएनएन।  हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपर स्टार रजनीकांत ने अपनी बेटी ऐश्वर्या रजनीकांत धनुष के साथ मंगलवार को केदारनाथ पहुंचकर बाबा का आशीर्वाद लिया। इस दौरान श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से देवपुष्प ब्रह्मकमल भेंटकर रजनीकांत का स्वागत किया गया। 

अभिनेता रजनीकांत सोमवार शाम जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 11 किमी दूर तिलबाड़ा पहुंचे थे। मंगलवार सुबह उन्होंने नारायणकोटि हेलीपैड से केदारनाथ धाम पहुंचकर बाबा की पूजा की। रुद्राभिषेक के बाद मंदिर परिसर में मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने प्रसाद, ब्रह्मकमल, माला व अंगवस्त्र भेंटकर रजनीकांत का स्वागत किया। उन्होंने मंदिर समिति के पदाधिकारियों व यात्रियों के साथ सेल्फी भी खिंचाई।

इस अवसर पर धाम के पुजारी केदार लिंग, वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, लेखाकार आरसी तिवारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, सुपरवाइजर यदुवीर पुष्पवाण आदि उपस्थित थे। समेत बड़ी संख्या में मंदिर समिति के कर्मचारी व अधिकारी मौजूद थे। करीब डेढ़ घंटा केदारनाथ में रुकने के बाद साढ़े दस बजे रजनीकांत वहां से रवाना हो गए। आज वे बदरीनाथ धाम में दर्शन करेंगे।

गौरतलब है कि सुपर स्टार रजनीकांत ब्रह्मलीन संत स्वामी दयानंद सरस्वती को अपना सब-कुछ मानते हैं। फिल्म ‘दरबार’ की शूटिंग पूरी करने के बाद इन दिनों वह उत्तराखंड की दस-दिवसीय यात्रा पर हैं। रविवार रात वह बेटी ऐश्वर्या धनुष के साथ शीशमझाड़ी (ऋषिकेश) स्थित अपने गुरु के आश्रम पहुंचे। सोमवार को उन्होंने गुरु के कक्ष में करीब 15 मिनट ध्यान लगाया। आश्रम परिवार ने इस कक्ष को गुरु की याद में सहेजकर रखा हुआ है। आश्रम से बदरी-केदार यात्रा पर रवाना होने से पूर्व उन्होंने गुरु की समाधि पर भी ध्यान लगाया।

अभिनेता रजनीकांत अक्सर अपने गुरु स्वामी दयानंद के आश्रम में आते रहते हैं। बीते वर्ष आठ मार्च और फिर पहली अगस्त को भी वे यहां आए थे। नौ वर्ष पूर्व भी अपनी सुपरहिट फिल्म ‘रोबोट’ की शूटिंग पूरी करने के बाद रजनीकांत गुरु के पास पहुंचे थे। अब रविवार रात करीब नौ बजे वह फिर आश्रम में पहुंचे और सोमवार को अपने गुरु के उस कक्ष में ध्यान लगाया, जहां उन्होंने देह त्यागी थी। करीब 15 मिनट बाद जब वह कक्ष से बाहर लौटे तो उनके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे। इससे पहले उन्होंने अपने कक्ष में भी योगाभ्यास किया और फिर करीब 7.30 बजे आश्रम परिसर स्थित स्वामी दयानंद सरस्वती की समाधि पर पहुंचे। वहां पुष्प चढ़ाने के बाद रजनीकांत करीब दस मिनट तक ध्यानमग्न रहे। इस दौरान आसपास से सभी लोगों को हटा दिया गया था। वहां सिर्फ उनके शुभचिंतक और प्रशंसक मौजूद रहे। जिनमें अपने प्रिय अभिनेता के साथ फोटो खिंचवाने की होड़ लगी रही। रजनीकांत ने भी उन्हें निराश नहीं किया, लेकिन उनसे वीडियो न बनाने का आग्रह जरूर किया।

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इस मौके पर जब रजनीकांत से बातचीत की कोशिश की गई तो उन्होंने इस उत्तराखंड यात्र को अपना निजी कार्यक्रम बताया। उन्होंने श्री दयानंद आश्रम गंगाधरेश्वर ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी शुद्धानंद सरस्वती महाराज से भी मुलाकात की। आश्रम के प्रबंधक गुणानंद रयाल ने बताया कि सुबह करीब 9.15 बजे रजनीकांत अपनी पुत्री के साथ बदरी-केदार यात्र पर रवाना हो गए।

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