अब केदारपुरी में बनेगा अत्याधुनिक सुविधाओं वाला तीसरा हेलीपैड
केदारपुरी में प्रशासन अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त तीसरा हेलीपैड बनाने की तैयारी में है। इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।
रुद्रप्रयाग, [बृजेश भट्ट]: केदारनाथ धाम में हवाई मार्ग से दर्शनों को आने वाले यात्रियों की संख्या साल-दर-साल बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि धाम में दो हेलीपैड होने के बावजूद प्रशासन अब वहां अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त तीसरा हेलीपैड बनाने की तैयारी में है। इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है। बीते वर्ष 13 हेलीकाप्टर कंपनियों ने केदारनाथ में अपनी सेवाएं दी थीं और उम्मीद है कि इस हेलीपैड के बनने से कंपनियों की संख्या में और इजाफा होगा।
वर्तमान में केदारपुरी में दो हेलीपैड मौजूद हैं। एक मंदिर के पीछे और दूसरा एमआइ-26 हेलीपैड बेस कैंप के पास। वर्ष 2015 में निम (नेहरू पर्वतारोहण संस्थान) ने सौ गुणा 50 मीटर आकार वाले इस हेलीपैड का निर्माण कराया था। लेकिन, अब इसके आधे हिस्से में जीएमवीएन (गढ़वाल मंडल विकास निगम) की कॉटेज है और शेष हिस्से में दो हेलीकॉप्टर ही उतर सकते हैं। हालांकि, मंदिर के ठीक ऊपर बने हेलीपैड में भी दो हेलीकॉप्टर उतर सकते हैं, लेकिन सिर्फ वीआइपी, जबकि हेली सेवा के प्रति आम यात्रियों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में हेलीकाप्टर कंपनियों की संख्या में इजाफा होना लाजिमी है।
इसी के मद्देनजर रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने केदारनाथ से लगभग दो किमी की दूरी पर पुलिस कैंप के पास नया हेलीपैड बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि अधिकांश सेवाओं का संचालन इसी हेलीपैड से होगा, ताकि धाम को ध्वनि प्रदूषण से मुक्त रखा जा सके।
पिछले साल आधे से तीस फीसद से ज्यादा यात्री हेलीकाप्टर से आए
वर्ष 2015 में कुल 1.5 लाख यात्री बाबा केदार के दर्शनों को पहुंचे। इनमें हेली सेवा से पहुंचने वालों की संख्या 80 हजार थी। इसी तरह वर्ष 2016 में केदारनाथ पहुंचने वाले कुल 3.5 लाख यात्रियों में 1.10 लाख हेलीकाप्टर सेवा वाले थे। जबकि, बीते वर्ष केदारनाथ पहुंचे 4.78 लाख यात्रियों में हवाई सेवा से पहुंचने वालों की संख्या 1.5 लाख रही। इस वर्ष यह आंकड़ा काफी ऊपर जा सकता है। इसीलिए प्रशासन नया हेलीपैड बनाने पर विचार कर रहा है।
2003 में शुरू हुई थी हेली सेवा
वर्ष 2003 में पहली बार अगस्त्यमुनि से केदारनाथ के लिए हवाई सेवा शुरू हुई। तब एकमात्र हवाई कंपनी पवनहंस ने धाम में सेवाएं दी थीं। लेकिन, बीते 14 वर्षों में हेली कंपनियों की संख्या बढ़कर 13 पहुंच गई है।
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