केदारनाथ में इस साल दो लाख चालीस हजार श्रद्धालुओं को पड़ी उपचार की जरूरत, 10,627 लोगों की आक्सीजन देकर बचाई गई जान
Kedarnath Dham चारधाम और यात्रा पड़ावों पर उपलब्ध कराई गई स्वास्थ्य सेवाएं इस बार तीर्थ यात्रियों के लिए संजीवनी साबित हुईं। विषम भौगोलिक परिस्थिति और पल-पल बदलते मौसम के कारण केदारपुरी में यात्रियों को स्वास्थ्य के लिहाज से भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए अन्य धामों की तरह यहां भी पैदल मार्ग से लेकर धाम तक जगह-जगह स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात की गई हैं।...
By Brijesh bhattEdited By: riya.pandeyUpdated: Fri, 20 Oct 2023 07:57 AM (IST)
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। Kedarnath Dham: चारधाम और यात्रा पड़ावों पर उपलब्ध कराई गई स्वास्थ्य सेवाएं इस बार तीर्थ यात्रियों के लिए संजीवनी साबित हुईं। केदारनाथ धाम में इस वर्ष यात्रा शुरू होने से अब तक 2.40 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों को उपचार की जरूरत पड़ी। इनमें से 10,627 यात्रियों को आक्सीजन देकर उनकी जान बचाई गई।
विषम भौगोलिक परिस्थिति और पल-पल बदलते मौसम के कारण केदारपुरी में यात्रियों को स्वास्थ्य के लिहाज से भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए अन्य धामों की तरह यहां भी पैदल मार्ग से लेकर धाम तक जगह-जगह स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात की गई हैं। जिससे स्वास्थ्य संबंधी किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तीर्थ यात्रियों को तत्काल मदद मिल सके।
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक 16 किमी लंबे पैदल मार्ग पर स्वास्थ्य विभाग ने 13 अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए हैं। इसके अलावा धाम परिसर में स्थित चिकित्सालय में भी यात्रियों का उपचार किया जाता है।
25 अप्रैल को खोले गए थे केदारनाथ धाम के कपाट
इस वर्ष केदारनाथ धाम के कपाट तीर्थ यात्रियों के लिए 25 अप्रैल को खोले गए थे, तब से अब तक 17 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। वीरवार को कुल 798 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार किया गया। साथ ही 55 यात्रियों को आक्सीजन उपलब्ध कराई गई। इस वर्ष अब तक धाम में 100 तीर्थ यात्रियों की ह्दयगति रुकने से मृत्यु भी हुई है।
ऊंचाई पर होने के कारण आक्सीजन की कमी
रुद्रप्रयाग के मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एचसीएस मार्तोलिया बताते हैं कि 11 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित होने के कारण केदारनाथ धाम में आक्सीजन की कमी है। इस कारण धाम में यात्रियों को सांस लेने में परेशानी, हाइपोथर्मिया और ह्दयाघात जैसी चुनौतियों से जूझना पड़ता है।उपचार का लेखा-जोखा
कुल तीर्थयात्री - 2,40,766
ओपीडी - 2,13,704आकस्मिक - 27,062पुरुष - 1,64,763महिला - 48,941आक्सीजन - 10,627
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