Uttarakhand: आज शीतकाल के लिए बंद होंगे तृतीय केदार के कपाट, मंदिर समिति ने पूरी की तैयारियां
विजयदशमी पर्व पर भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि घोषित हुई थी। बुधवार को सुबह 11.30 बजे शुभ लग्नानुसार वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि–विधान के साथ भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी।
By Brijesh bhattEdited By: Jeet KumarUpdated: Wed, 01 Nov 2023 05:30 AM (IST)
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट बुधवार को पौराणिक रीति रिवाजों के साथ बंद कर दिए जाएंगे। जिसके बाद शीतकाल के छह माह तक भगवान तुंगनाथ की नित्य पूजा-अर्चना मार्केंडेय मंदिर मक्कूमठ में संपन्न होगी। कपाट बंद करने को लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति ने तैयारियां पूरी कर दी हैं।
विग्रह उत्सव डोली अपने प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी
विजयदशमी पर्व पर भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि घोषित हुई थी। बुधवार को सुबह 11.30 बजे शुभ लग्नानुसार वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि–विधान के साथ भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी।
दो नवंबर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली बनियाकुंड, दुगलविट्टा, मक्कू बैंड होते हुए वनातोली पहुंचेगी। जहां पर ग्रामीणों की ओर से भगवान तुंगनाथ की डोली का सामूहिक पूजन किया जाएगा। भगवान की डोली अंतिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुंड पहुंचेगी।
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