Move to Jagran APP

Tungnath Temple: शीतकाल के लिए बंद हुए भगवान तुंगनाथ के कपाट, विधि-विधान से हुई पूजा

Tungnath Temple विजयदशमी पर्व पर भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि घोषित हुई थी। बुधवार को सुबह 11 बजे शुभ लग्नानुसार वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि–विधान के साथ भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 01 Nov 2023 12:06 PM (IST)
Hero Image
बंद हुए भगवान तुंगनाथ के कपाट
जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग। तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे वैदिक मंत्रोच्चार एवं विधि विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गये है। इस अवसर पर डेढ़ हजार श्रद्धालुओं ने बाबा तुंगनाथ के दर्शन किये। श्री बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि पहली बार तुंगनाथ जी में एक लाख पैंतीस हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये हैं।

कपाट बंद होने के अवसर पर आज प्रातः: ब्रह्म मुहूर्त में श्री तुंगनाथ जी के कपाट खुल गये थे इसके बाद प्रात: कालीन पूजा-अर्चना तथा दर्शन शुरू हो गये। तत्पश्चात दस बजे से कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हो गई तथा बाबा तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को स्थानीय फूलों भस्म आदि से ढ़क कर समाधि रूप दे दिया गया। इसके बाद ठीक ग्यारह बजे पूर्वाह्न श्री तुंगनाथ जी के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये।

देव डोली ने किया प्रस्थान

कपाट बंद होने के बाद श्री तुंगनाथ जी की देव डोली मंदिर प्रांगण में आ गई तथा मंदिर परिक्रमा के पश्चात देव डोली चौपटा को प्रस्थान हुई। श्री बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि 2 नवंबर को श्री तुंगनाथ जी की देव डोली भनकुन प्रवास करेगी। 3 नवंबर को भूतनाथ मंदिर होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी तथा 3 नवंबर को देव भोज का आयोजन किया जायेगा। इसी के साथ यहां बाबा तुंगनाथ जी की शीतकालीन पूजा शुरू हो जाएंगी।

यह भी पढ़ें: Rudraprayag News: अब तक 51 हजार से अधिक VIPs पहुंच चुके बदरीनाथ-केदारनाथ धाम, एक करोड़ के पार पहुंची मंदिर समिति की आय

ये लोग रहे मौजूद

आज कपाट बंद होने के अवसर पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, मठापति रामप्रसाद मैठाणी, डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित, पुजारी प्रकाश मैठाणी, गीता राम मैठाणी,हर्षवधन मैठाणी तथा अन्य पुजारीगण सहित जिला प्रशासन, वन विभाग, उत्तराखंड पुलिस स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।