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Rudraprayag News: केदारनाथ यात्रा में महिलाओं की भी रही अहम भूमिका, महिला समूहों ने किया 70 लाख रुपये का कारोबार

Kedarnath Yatra 2023 श्री केदारनाथ धाम यात्रा में स्वयं सहायता महिला समूहों की आय के साथ आर्थिकी भी मजबूत हुई। समूहों से जुड़ी रुद्रप्रयाग जिले की पांच सौ महिलाओं ने प्रसाद बनाकर कर 70 लाख से अधिक का कारोबार किया। इसमें अकेले चौलाई के प्रसाद से लगभग 65 लाख रुपये का व्यवसाय हुआ। हर्बल धूप चूरमा बेलपत्री आदि से पांच लाख रुपये की कमाई समूहों ने की है।

By Brijesh bhattEdited By: riya.pandeyUpdated: Tue, 21 Nov 2023 05:34 PM (IST)
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केदारनाथ यात्रा के दौरान महिला समूहों ने किया 70 लाख का कारोबार
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग।  Kedarnath Yatra 2023: श्री केदारनाथ धाम यात्रा में स्वयं सहायता महिला समूहों की आय के साथ आर्थिकी भी मजबूत हुई। समूहों से जुड़ी रुद्रप्रयाग जिले की पांच सौ महिलाओं ने प्रसाद बनाकर कर 70 लाख से अधिक का कारोबार किया। इसमें अकेले चौलाई के प्रसाद से लगभग 65 लाख रुपये का व्यवसाय हुआ।

हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग आदि से पांच लाख रुपये की कमाई समूहों ने की है। वहीं, जनपद के काश्तकारों से 70 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से करीब 500 क्विंटल चौलाई की खरीद की गई, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिला है।

केदारनाथ यात्रा में महिलाएं भी निभा रही अहम भूमिका

केदारनाथ यात्रा में वर्ष 2017 से महिलाएं भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और अपनी आर्थिकी भी मजबूत कर रही है। प्रत्येक वर्ष यात्रा के दौरान अपने उत्पादों की बिक्री से लाखों रुपये का व्यवसाय कर रही हैं। इसमें प्रशासन भी समूहों का सहयोग कर रहा है।

महिलाएं बाबा केदारनाथ धाम के लिए स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद तैयार करने के साथ ही यात्रा मार्ग पर रेस्तरां, कैफे संचालित कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।  गंगा दुग्ध उत्पादन संघ की अध्यक्ष घुंघरा देवी ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने करीब 106 क्विंटल चौलाई के लड्डू एवं चूरमा तैयार कर केदारनाथ में बेचा है।

छह महीनों में 65 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार

पिछले छह महीनों में उन्होंने 65 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार दिया, जिसमें 30 महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित समूहों के माध्यम से उनसे नियमित तौर पर जुड़ी हैं। पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 25 लाख रुपये के लड्डू एवं चूरमा बेचा है। समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रतिदिन 300 रुपये मेहनताना देने के साथ ही समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

बताया कि वर्ष 2017 में प्रसाद योजना शुरू होने से पहले चौलाई का उत्पादन बेहद सीमित हो गया था, जबकि अब इसके उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है।

केवल बेलपत्री से हुई लाखों की कमाई

बताया कि वे 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से किसानों से चौलाई की खरीद करते हैं। इसके अलावा बेलपत्री का उत्पादन करने वाले किसानों को भी योजना का सीधा लाभ मिल रहा है। केवल बेलपत्री बेचकर महिलाओं ने करीब साढ़े तीन लाख रुपये की कमाई की है।

श्री केदारनाथ धाम में महिला समूहों द्वारा तैयार प्रसाद का विपणन करने वाले केदारनाथ प्रसादम सहकारी संघ के सचिव भाष्कर पुरोहित ने बताया कि उन्होंने विभिन्न हेलीपैड एवं मंदिर परिसर में तीर्थ यात्रियों को करीब 35 लाख रुपये का प्रसाद बेचा।

बताया कि उनके पास जिले भर के करीब 20 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पाद आदि पहुंचते हैं। इसके अलावा गंगा जल के लिए पात्र एवं मंदिर की भस्म भी प्रसाद पैकेज का हिस्सा है।

रुद्रप्रयाग मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार के अनुसार, राज्य सरकार के निर्देशन में प्रशासन विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत है। 

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