Move to Jagran APP

Electricity: टिहरी और कोटेश्वर बांध से बिजली उत्पादन बंद, इस कारण लिया गया बड़ा फैसला

पंप स्टोरेज प्लांट के अंतिम चरण के काम के लिए टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन (टीएचडीसी) ने टिहरी बांध और कोटेश्वर बांध से बिजली उत्पादन 30 जून तक बंद कर दिया है। रविवार सुबह छह बजे टिहरी बांध और आठ बजे कोटेश्वर बांध की टरबाइन बंद की गईं। टीएचडीसी एक हजार मेगावाट की क्षमता वाले टिहरी बांध और चार सौ मेगावाट क्षमता वाले कोटेश्वर बांध से बिजली का उत्पादन करता है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 03 Jun 2024 10:50 AM (IST)
Hero Image
टिहरी और कोटेश्वर बांध से बिजली उत्पादन बंद, इस कारण लिया गया बड़ा फैसला
जागरण संवाददाता, नई टिहरी। पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) के अंतिम चरण के काम के लिए टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन (टीएचडीसी) ने टिहरी बांध और कोटेश्वर बांध से बिजली उत्पादन 30 जून तक बंद कर दिया है। रविवार सुबह छह बजे टिहरी बांध और आठ बजे कोटेश्वर बांध की टरबाइन बंद की गईं।

टीएचडीसी एक हजार मेगावाट की क्षमता वाले टिहरी बांध और चार सौ मेगावाट क्षमता वाले कोटेश्वर बांध से बिजली का उत्पादन करता है। अब एक हजार मेगावाट क्षमता वाला पंप स्टोरेज प्लांट भी बनकर तैयार हो गया है। इसके अंतिम चरण का काम चल रहा है। इस प्लांट से भी दिसंबर से बिजली का उत्पादन शुरू होना है। इसके बाद टिहरी बांध की बिजली उत्पादन की कुल क्षमता 2400 मेगावाट हो जाएगी।

टिहरी बांध बनने के बाद पहली बार टीएचडीसी ने एक महीने का क्लोजर लिया गया है। अब 30 जून को दोबारा टिहरी बांध से बिजली उत्पादन शुरू किया जाएगा। आखिरी चरण में पीएसपी तक जाने वाली सुरंग के पास एक सुरक्षा दीवार हटाने और अन्य सिविल वर्क होने हैं।

यह काम पूरा होने के बाद एक हजार मेगावाट क्षमता वाले पीएसपी से भी बिजली उत्पादन शुरू होगा। इससे टिहरी बांध से बिजली उत्पादन बढ़ जाएगा। साथ ही नार्दन ग्रिड को ज्यादा बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी। बता दें कि आमतौर पर जून में टिहरी बांध से 200 मिलियन यूनिट और कोटेश्वर बांध से 84 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। लेकिन अब एक महीने उत्पादन बंद होने से 284 मिलियन यूनिट बिजली का नुकसान होगा।

टिहरी बांध से नार्दन ग्रिड को बिजली जाती है। यह बिजली देश के नौ राज्यों तक पहुंचती है। गर्मियों में पूरे देश में बिजली की ज्यादा मांग है। ऐसे में एक महीने तक टिहरी बांध से बिजली उत्पादन न होने के कारण बिजली आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। जबकि टिहरी बांध से उत्तर प्रदेश को सिंचाई के लिए और दिल्ली को पेयजल के लिए पानी मिलता है। बांध से पानी नहीं छोड़े जाने के कारण पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है।

इधर, नई टिहरी में भी पेयजल संकट से बचने के लिए टीएचडीसी ने जल संस्थान को बजट जारी किया है, जिससे जल संस्थान नए पंप लगाकर पर्याप्त जलस्तर वाले स्थान से पंपिंग कर सके। हालांकि टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने बताया कि अलकनंदा नदी में इस समय पानी का बेहतर फ्लो है। इस कारण पानी का संकट नहीं होगा। नार्दन ग्रिड को भी पहले ही एक महीने तक बिजली उत्पादन बंद रहने के बारे में बता दिया था। नार्दन ग्रिड अन्य प्रोजेक्ट से बिजली की आपूर्ति पूरी करेगा।

पीएसपी प्रोजेक्ट के सिविल वर्क के लिए क्लोजर लिया गया है। टिहरी बांध और कोटेश्वर बांध से अब 30 जून तक बिजली उत्पादन नहीं होगा। पीएसपी प्रोजेक्ट का काम तेजी से किया जा रहा है। दिसंबर से पीएसपी से भी बिजली उत्पादन शुरू कर देंगे। एलपी जोशी, अधिशासी निदेशक, टीएचडीसी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।